क्या त्रिपुरा में भाजपा ने बांग्लादेश में टैगोर के पैतृक घर पर हुई बर्बरता के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने बांग्लादेश में टैगोर के पैतृक घर पर हमले का विरोध किया।
- राजीब भट्टाचार्य ने इसे मानवता पर हमला बताया।
- भाजपा नेताओं ने बांग्लादेशी अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- विरोध प्रदर्शन में कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
- रवींद्रनाथ टैगोर की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया गया।
अगरतला, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा ने पड़ोसी बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हाल ही में हुए हमले और बर्बरता के खिलाफ सोमवार को यहां बांग्लादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय की ओर एक विशाल विरोध मार्च निकाला।
त्रिपुरा भाजपा के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद राजीब भट्टाचार्य, उपाध्यक्ष सुबल भौमिक और पार्टी के मीडिया सेल प्रमुख पापिया दत्ता और सुनीत सरकार ने इस रैली का नेतृत्व किया, जो विवेकानंद स्टेडियम से शुरू होकर बांग्लादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय तक गई।
भट्टाचार्य ने बांग्लादेश में टैगोर के घर पर हुई बर्बरता की कड़ी निंदा करते हुए इसे साहित्य, संस्कृति और मानवतावाद पर हमला बताया। उन्होंने कहा, "दुनिया भर में लोग टैगोर को उनकी महान साहित्यिक रचनाओं के लिए सम्मान देते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने इस हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।"
भाजपा नेता ने यह भी कहा, "टैगोर भारत और बांग्लादेश दोनों के राष्ट्रगान के निर्माता हैं।" उन्होंने इस चौंकाने वाली घटना में शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग की।
इसके अलावा, भाजपा ने बांग्लादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय के पास धरना-प्रदर्शन भी किया।
राजीब भट्टाचार्य के नेतृत्व में, त्रिपुरा में भाजपा ने बांग्लादेश में टैगोर के पैतृक घर में तोड़फोड़ के विरोध में रविवार को मोमबत्ती जलाकर रैली भी निकाली। इससे पहले, पार्टी ने 14 जून को बांग्लादेश के साथ त्रिपुरा की 856 किलोमीटर लंबी सीमा पर सात जिलों में छह से अधिक स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन किया।
मंत्रियों सहित वरिष्ठ नेताओं ने अगरतला, बिशालगढ़, उदयपुर, बेलोनिया, कैलाशहर, धर्मनगर और खोवाई में विरोध रैलियों का नेतृत्व किया।
भाजपा महासचिव और विधायक भगवान दास ने कहा, "बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमले और तोड़फोड़ की यह बर्बरता भारत के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। साझा सांस्कृतिक विरासत पर इस तरह का हमला बिल्कुल अस्वीकार्य है। इस तरह के जघन्य कृत्यों की एक सीमा होनी चाहिए। बांग्लादेश में टैगोर जैसे महान सांस्कृतिक प्रतीक से जुड़ी संपत्तियों और विरासत को भी नहीं बख्शा गया है। ये कृत्य अक्षम्य अपराध हैं।"
इससे पहले, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी बांग्लादेश में टैगोर के पैतृक घर पर हमले और तोड़फोड़ की निंदा की और इसे "हमारी संस्कृति और विरासत पर हमला" करार दिया था।