क्या हिंदी ने उद्धव-राज ठाकरे को एकजुट कर दिया है?

सारांश
Key Takeaways
- हिंदी को अनिवार्य बनाने का मुद्दा राजनीतिक विवाद का कारण बना है।
- उद्धव और राज ठाकरे एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।
- संजय राउत ने इस आंदोलन की जानकारी दी है।
मुंबई, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाने का मुद्दा एक बार फिर उद्धव और राज ठाकरे को एक साथ लाने का अवसर प्रदान कर रहा है। इस विषय पर दोनों नेता आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इस बारे में जानकारी शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दी।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने लिखा, "महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य हिंदी के खिलाफ एकजुट प्रदर्शन होगा। ठाकरे ही ब्रांड हैं।"
इसके अतिरिक्त, राउत ने एक और पोस्ट साझा की, जिसमें उद्धव और राज ठाकरे एक साथ खड़े हैं, जबकि उनके पीछे बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर है। उन्होंने इस तस्वीर के साथ लिखा, "महाराष्ट्र की जय हो।"
हिंदी भाषा को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोला है।
राज ठाकरे ने मुंबई में 6 जुलाई को मार्च का आह्वान किया था और उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन का ऐलान किया था, लेकिन अब संजय राउत ने बताया है कि दोनों मिलकर आंदोलन करेंगे।
इसके पहले, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर हिंदी को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, "वर्तमान सरकार राज्य पर 'हिंदी लादने' का प्रयास कर रही है। उनका किसी भाषा या हिंदी भाषी समुदाय से कोई विरोध नहीं है, बल्कि वे जबरन भाषा थोपने के खिलाफ हैं।"
उन्होंने आरोप लगाया था, "बीजेपी की 'बांटने और काटने' की नीति स्पष्ट है। वे मराठी और अन्य भाषियों के बीच जो एकता है, उसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।"