क्या उद्योग से जुड़ाव और निजी क्षेत्र की भागीदारी टिकाऊ स्टार्टअप्स और आर्थिक वृद्धि के लिए जरूरी है?

Click to start listening
क्या उद्योग से जुड़ाव और निजी क्षेत्र की भागीदारी टिकाऊ स्टार्टअप्स और आर्थिक वृद्धि के लिए जरूरी है?

सारांश

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 'लीड इम्पैक्ट कॉन्क्लेव' में उद्योग और निजी क्षेत्र की भागीदारी को टिकाऊ स्टार्टअप्स और आर्थिक वृद्धि के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने स्टार्टअप्स के महत्व और केंद्र सरकार की योजनाओं पर जोर दिया, जो युवाओं को सशक्त बनाने में मदद कर रही हैं।

Key Takeaways

  • उद्योग से जुड़ाव और निजी क्षेत्र की भागीदारी आवश्यक है।
  • भारत में 1 लाख 70 हजार स्टार्टअप्स सक्रिय हैं।
  • महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप्स की संख्या महत्वपूर्ण है।
  • सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जो छोटे उद्यमों को मदद करती हैं।
  • भविष्य में बायो-ड्रिवन क्रांति की संभावना है।

जम्मू, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को 'लीड इम्पैक्ट कॉन्क्लेव' में हिस्सा लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम में उद्योग से जुड़ाव और निजी क्षेत्र की भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये दोनों टिकाऊ स्टार्टअप्स और भारत की सतत आर्थिक वृद्धि के लिए आवश्यक हैं। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर चर्चा की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने 'लीड इम्पैक्ट कॉन्क्लेव' को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने एक ऐसा माहौल तैयार किया है, जिसमें स्टार्टअप्स को उद्योग से जोड़ा जा रहा है ताकि उनके उद्यमों को बढ़ावा दिया जा सके और भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स आजीविका के लिए एक आकर्षक और टिकाऊ साधन बन रहे हैं।

उन्होंने बताया कि भारत में 1 लाख 70 हजार स्टार्टअप्स हैं, जो इसे दुनिया में तीसरे स्थान पर लाते हैं। इनमें लगभग 60 हजार स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो सफल कृषि उद्यमी बन चुकी हैं। मंत्री ने जम्मू-कश्मीर से शुरू हुई पर्पल रेवोल्यूशन को कृषि स्टार्टअप की सफलता का एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने इस क्रांति से प्रेरित होकर बड़े पैमाने पर लैवेंडर की खेती शुरू की है, जिससे युवाओं को सरकारी नौकरियों की मानसिकता से मुक्त होकर वैकल्पिक और टिकाऊ आजीविका का साधन मिला है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स टियर-2 और टियर-3 शहरों और कस्बों में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने छोटे और मझोले उद्यमों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं और पारंपरिक कारीगरों को व्यवसाय में बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना, पीएम स्वनिधि योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाएं शुरू की हैं।

उन्होंने कॉन्क्लेव के प्रतिभागियों से अपील की कि वे उत्पादन, बिक्री और रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशालाओं के आयोजन की अपील की ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं के बारे में जागरूक हो सकें।

उन्होंने उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच भविष्य से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने भविष्य के लिए प्रासंगिक विषयों पर शोध करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगली क्रांति बायो-ड्रिवन होगी, जिसमें बायो-फ्यूल्स और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों जैसे उत्पाद प्रमुख भूमिका निभाएंगे। मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में दुनिया भारत से नेतृत्व की अपेक्षा कर रही है।

उन्होंने कहा कि जब भारत 2027 में अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब देश का युवा एक विकसित भारत का नेतृत्व करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसी उद्देश्य से सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है, ताकि युवाओं को सही कौशल और प्रशिक्षण देकर भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।

Point of View

उद्योग और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना आवश्यक है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

स्टार्टअप्स का भारत में क्या महत्व है?
स्टार्टअप्स भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देते हैं।
सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए कौन सी योजनाएं शुरू की हैं?
सरकार ने मुद्रा योजना, पीएम स्वनिधि योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाएं शुरू की हैं।
Nation Press