क्या भगवान महाकाल ने भस्म आरती में श्री गणेश के रूप में दर्शन दिए?

Click to start listening
क्या भगवान महाकाल ने भस्म आरती में श्री गणेश के रूप में दर्शन दिए?

सारांश

उज्जैन के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल ने श्री गणेश के स्वरूप में दर्शन दिए, जिससे श्रद्धालुओं में अद्भुत भक्ति का माहौल बना। इस दौरान आरतियों के समय में भी बदलाव किया गया है। जानें क्या है विशेष इस आरती में।

Key Takeaways

  • भगवान महाकाल का अद्भुत दर्शन
  • श्री गणेश के स्वरूप में सजाया गया
  • आरतियों के समय में बदलाव
  • धार्मिक आस्था का अद्भुत माहौल
  • श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा गया

उज्जैन, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार को कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि पर एक अलौकिक दृश्य देखने को मिला।

भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को श्री गणेश के दिव्य स्वरूप में सजाया गया। इस अनूठे दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु देर रात से ही मंदिर परिसर में कतार में खड़े थे।

पूरा मंदिर "जय श्री महाकाल" के जयघोष से गूंज उठा। मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि सुबह चार बजे शुरू हुई भस्म आरती में बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। पंचामृत यानी दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से जलाभिषेक के बाद उन्हें नया मुकुट, रुद्राक्ष और मुंड माला पहनाई गई। आज के श्रृंगार की खास बात थी कि भगवान को श्री गणेश के स्वरूप में सजाया गया। महानिर्वाणी अखाड़े ने शिवलिंग पर भस्म अर्पित की। मान्यता है कि भस्म अर्पण के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।

वहीं, इस दृश्य ने श्रद्धालुओं के बीच भक्ति का अद्भुत माहौल बनाया। भक्तों ने बाबा महाकाल के इस विशेष स्वरूप के दर्शन कर खुद को धन्य माना। मंदिर प्रशासन ने कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा यानी 8 अक्टूबर से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक तीन आरतियों के समय में बदलाव किया है।

अब दयोदक आरती सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 15 मिनट तक, भोग आरती सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 15 मिनट तक और संध्या आरती शाम 6:00 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 15 मिनट तक होगी।

हालांकि, भस्म आरती सुबह 4 से 6 बजे, सायंकालीन पूजन शाम 5:00 से 5 बजकर 45 मिनट और शयन आरती रात 10 बजकर 30 मिनट से ग्यारह बजे तक अपने निर्धारित समय पर ही होगी। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से नए समय का पालन करने की अपील की है।

Point of View

बल्कि मंदिर प्रशासन ने भी समय में बदलाव कर श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा। यह एक सकारात्मक कदम है जो धार्मिक आस्था और प्रबंधन के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

भगवान महाकाल को किस स्वरूप में सजाया गया?
भगवान महाकाल को भस्म आरती के दौरान श्री गणेश के स्वरूप में सजाया गया।
आरतियों के समय में क्या बदलाव किया गया है?
अब दयोदक आरती का समय सुबह 7:30 से 8:15 बजे, भोग आरती का समय 10:30 से 11:15 बजे और संध्या आरती का समय 6:30 से 7:15 बजे होगा।
भस्म आरती का समय क्या है?
भस्म आरती सुबह 4 से 6 बजे तक होगी।
क्यों श्रद्धालु देर रात से कतार में खड़े थे?
श्रद्धालु भगवान महाकाल के श्री गणेश स्वरूप के दर्शन के लिए देर रात से कतार में खड़े थे।
महाकालेश्वर मंदिर का महत्व क्या है?
महाकालेश्वर मंदिर विश्व प्रसिद्ध है और यह भक्तों की आस्था का केंद्र है।