क्या उत्तराखंड और झारखंड में तिरंगा यात्रा से बनता गया कारवां?

सारांश
Key Takeaways
- तिरंगा यात्रा का आयोजन प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर हो रहा है।
- यह यात्रा स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है।
- लोगों का उत्साह और जुड़ाव इस यात्रा को एक बड़ा कारवां बना रहा है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा में सक्रिय भूमिका निभाई।
- बोकारो में भी तिरंगा यात्रा का आयोजन हुआ।
देहरादून/बोकारो, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर १३ से १५ अगस्त तक तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित की गई है। इसी संदर्भ में बुधवार को उत्तराखंड और झारखंड में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया।
इस यात्रा के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 'हर घर तिरंगा' और 'घर-घर तिरंगा' का भी आह्वान किया है। यात्रा जिस मार्ग से गुजर रही है, वहां लोग जुड़ते जा रहे हैं और एक बड़ा कारवां बनता जा रहा है। विभिन्न स्थानों पर देशभक्ति का प्रदर्शन अलग-अलग अंदाज में किया जा रहा है, जिसे लोग बहुत सराह रहे हैं।
उत्तराखंड के देहरादून में तिरंगा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। यह यात्रा महानगर कार्यालय से शुरू होकर गांधी पार्क पर समाप्त हुई। मुख्यमंत्री धामी रथ पर चढ़कर पूरी यात्रा में तिरंगा लहराते हुए और जनता का अभिवादन करते हुए दिखाई दिए।
वहीं, झारखंड के बोकारो में भी तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा धर्मशाला मोड़ से प्रारंभ होकर चास चेक पोस्ट पर स्थित भारत माता की प्रतिमा पर जाकर समाप्त हुई। इस यात्रा में झारखंड के भाजपा युवा प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हुए।
बोकारो के पूर्व विधायक बीरंची नारायण ने तिरंगा यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत में बताया कि यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना से प्रेरित है और यह यात्रा कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह एक विफल नेता हैं और जनता में भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।