क्या उत्तराखंड सरकार ने यूकेएसएसएससी परीक्षा रद्द कर दी?

सारांश
Key Takeaways
- यूकेएसएसएससी परीक्षा को नकल और पेपर लीक के कारण रद्द किया गया।
- मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
- सीबीआई जांच की घोषणा की गई है।
- विभिन्न अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
- छात्रों के हितों को प्राथमिकता दी गई है।
देहरादून, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड सरकार ने यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया है। यह कदम परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक की घटनाओं के कई हफ्ते बाद उठाया गया है।
हाल ही में भाजपा विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में खजान दास, दिलीप सिंह रावत, विनोद कंडारी, बृजभूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट और रेनू बिष्ट शामिल थे। उन्होंने ज्ञापन में छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए यूकेएसएसएससी परीक्षा रद्द करने की मांग की।
इस बैठक के एक दिन बाद, शनिवार को राज्य सरकार ने 21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी परीक्षा को रद्द करने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परीक्षा में नकल और पेपर लीक की घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि मामले में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने धारणा प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात के दौरान मामले की सीबीआई जांच की भी घोषणा की।
यूकेएसएसएससी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का मामला 21 सितंबर को हरिद्वार के आदर्श बाल इंटर कॉलेज से सामने आया था। इस मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के अनुसार, खालिद ने परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो अपनी बहन को भेजी, जिसने इसे एक सहायक प्रोफेसर तक पहुंचाया। यह जानकारी बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
सुमन, जो तब अगरोड़ा कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर थीं, को जांच के बाद निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, हरिद्वार में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को भी निलंबित किया गया। इससे पहले, परीक्षा केंद्र पर तैनात एक दारोगा और कांस्टेबल को भी सस्पेंड किया गया था।