क्या विपक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था को हाईजैक करने की कोशिश कर रहा है? : मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- मुख्तार अब्बास नकवी का विपक्ष पर कड़ा प्रहार।
- विपक्ष की हार के पीछे की रणनीति पर सवाल।
- जनता की समझदारी और सियासी फिक्सिंग का खुलासा।
- पश्चिम बंगाल सरकार पर भी उठाए सवाल।
नई दिल्ली, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष द्वारा चुनाव आयोग पर उठाए गए सवालों पर कड़ा प्रहार किया। नकवी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में विपक्ष को "सामंती सियासत के सत्तालोलुप सुल्तानों की फ्रेंचाइजी" बताया और कहा कि ये लोग रणबांकुरों से ज्यादा "रणछोड़ बहादुर" बन रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को हाईजैक करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी यह रणनीति सफल नहीं होगी। विपक्ष जनगणना से पूर्व हंगामा करता है और मतगणना के बाद सवाल उठाता है। यह सब उनकी हार की पूर्व तैयारी का हिस्सा है। विपक्ष हार का दोष दूसरों पर डालने के लिए बलि का बकरा खोज रहा है। कभी जनगणना में गड़बड़ी का आरोप, कभी मतगणना में, कभी प्रशासन पर और कभी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्षी नेता अपनी सत्ता की लालसा में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। जनता इनकी भ्रांति को समझ चुकी है और इनकी सियासी चालें नाकाम कर देगी।
नकवी ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि ये लोग चुनावी मंच पर "चारों खाने चित" होने वाले हैं। उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण अभियान को अवैध विदेशियों, जैसे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को रोकने के लिए जरूरी बताया।
भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उपलब्धियों की भी सराहना की और कहा कि पिछले 11 वर्षों में केंद्र और जिन राज्यों में डबल इंजन की सरकार है, वहां विकास कार्य निरंतर चल रहे हैं। विकास की रोशनी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाई गई है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग कभी 'हिट विकेट' होते हैं, कभी 'नो बॉल' करते हैं और कभी 'रन आउट' हो जाते हैं। भाजपा को किसी 'टीम बी' या 'टीम सी' की आवश्यकता नहीं है। एनडीए गठबंधन को जनता का समर्थन पहले से ही प्राप्त है।
इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को भी निशाना बनाया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए सशक्तीकरण की योजनाओं को लागू नहीं होने दिया। टीएमसी ने रोजगार, बिजली, सड़क और पानी जैसी योजनाओं को केवल इसलिए रोका क्योंकि ये मोदी सरकार की पहलों का हिस्सा थीं।