क्या विपक्ष ने मर्जर व्यवस्था को राजनीतिक रंग देकर आमजन को गुमराह किया? - संदीप सिंह

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क्या विपक्ष ने मर्जर व्यवस्था को राजनीतिक रंग देकर आमजन को गुमराह किया? - संदीप सिंह

सारांश

उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने आंकड़ों के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार ने शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। क्या विपक्ष ने सच में जनता को गुमराह किया?

Key Takeaways

  • शिक्षा में सुधार के लिए सरकार ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
  • सभी परिषदीय विद्यालय संचालित हैं, कोई बंद नहीं हुआ है।
  • विपक्ष का आरोप राजनीतिकरण पर आधारित है।
  • बच्चों की प्रवेश आयु 4 वर्ष नहीं की जा सकती।
  • मर्जर व्यवस्था से छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

लखनऊ, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में छात्रों के नामांकन, शिक्षकों की नियुक्ति, स्कूल मर्जर, शिक्षा भर्ती और प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की प्रवेश आयु 4 वर्ष करने जैसे मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने आंकड़ों की बौछार से जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मर्जर व्यवस्था का पूरी तरह राजनीतिकरण कर आमजन को गुमराह किया है, जबकि सच्चाई यह है कि सरकार ने शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं। मंत्री ने सदन में बताया कि वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों की संख्या लगभग 1.48 करोड़ से अधिक है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की कुल संख्या 6.28 लाख से अधिक है।

उन्होंने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 4 लाख 93 हजार 389 बच्चे नामांकित हैं। इनको शिक्षा देने के लिए 3,38,590 शिक्षक और 1,43,450 शिक्षामित्र नियुक्त हैं, जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 43,01,483 बच्चों को पढ़ाने के लिए 1,20,860 शिक्षक और 25,223 अनुदेशक तैनात हैं। प्राथमिक शिक्षा में 30:1 और उच्च प्राथमिक शिक्षा में 35:1 का अनुपात भी ठीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेयरिंग के बाद 50 तक के नामांकन वाले विद्यालयों में दो शिक्षक और एक शिक्षामित्र तैनात किए जाएंगे। छात्र-शिक्षक अनुपात पूरी तरह संतुलित है और इसे बनाए रखने की कार्रवाई जारी रहेगी।

स्कूल बंद करने के आरोपों को खारिज करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने एक भी विद्यालय को बंद करने का निर्णय नहीं लिया है। सभी परिषदीय विद्यालय यथावत बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं। बच्चों की प्रवेश आयु 4 वर्ष करने के सवाल पर उन्होंने दो टूक कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि आरटीई के प्रावधानों के तहत देशभर में एक समान व्यवस्था लागू है। 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी में पढ़ाई व पोषण की व्यवस्था पहले से है। मर्जर पर मंत्री ने बताया कि 1 किमी के दायरे और 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को ही पेयर किया गया है।

पेयर् किये गये स्कूलों को संसाधनयुक्त विद्यालयों में समाहित किया गया है, ताकि बच्चों को बेहतर सुविधा और निकटतम स्कूल की पहुंच मिले। खाली विद्यालयों में आईसीडीएस विभाग के साथ मिलकर प्री-प्राइमरी यानी प्ले स्कूल और नर्सरी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। अब तक 3000 से अधिक विद्यालय आईसीडीएस के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं और इनके लिए 19,484 एसीसीई की संविदा पर नियुक्ति की जा चुकी है।

मंत्री ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि 2017 से 2025 तक सरकार ने जितना काम किया, उतना किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया। इस वर्ष 27 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन हुआ है। सपा सरकार के समय 3.45 करोड़ बच्चे शिक्षा से दूर थे, जबकि मौजूदा सरकार ने अभियान चलाकर बच्चों को घर से निकालकर स्कूल तक पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनाए जा रहे हैं। 30 करोड़ की लागत से प्रत्येक विद्यालय का निर्माण होगा और हर जनपद में दो विद्यालय बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी योगी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को ऊंचाई तक ले जाने के लिए संकल्पित है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि शिक्षण प्रणाली में सुधार के लिए उठाए गए कदम महत्वपूर्ण हैं। विपक्ष का राजनीतिकरण और इसके पीछे की सच्चाई को समझना आवश्यक है। शिक्षा का स्तर बढ़ाना देश के भविष्य के लिए आवश्यक है और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

मर्जर व्यवस्था से क्या फायदा होगा?
मर्जर व्यवस्था से छात्रों को बेहतर सुविधाएं और निकटतम स्कूल की पहुंच मिलेगी, जिससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा।
सरकार ने कितने विद्यालय बंद किए हैं?
सरकार ने एक भी विद्यालय बंद करने का निर्णय नहीं लिया है, सभी विद्यालय यथावत संचालित हो रहे हैं।
बच्चों की प्रवेश आयु 4 वर्ष करने पर क्या कहा गया?
मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह संभव नहीं है क्योंकि आरटीई के अनुसार देशभर में समान व्यवस्था लागू है।
क्या विपक्ष ने मुद्दे को राजनीति से जोड़ा है?
मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने मर्जर व्यवस्था को पूरी तरह राजनीतिकरण कर आमजन को गुमराह किया है।
कितने बच्चे वर्तमान में नामांकित हैं?
वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों की संख्या लगभग 1.48 करोड़ है।