क्या विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एनआईए स्पेशल कोर्ट ने दो और आरोपियों को सजा सुनाई?

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क्या विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एनआईए स्पेशल कोर्ट ने दो और आरोपियों को सजा सुनाई?

सारांश

विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एनआईए स्पेशल कोर्ट ने दो आरोपियों को सजा सुनाई है। इस मामले में कुल 10 आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है। क्या यह जासूसी का मामला भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है? जानें पूरे मामले की विस्तार से।

Key Takeaways

  • विशाखापत्तनम जासूसी मामला सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
  • एनआईए ने 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
  • यह मामला भारत की एकता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट ने पाकिस्तान से जुड़े विशाखापत्तनम नेवी जासूसी मामले में सोमवार को दो और आरोपियों को सजा दी है। इस हाई-प्रोफाइल जासूसी मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है, जबकि बाकी पांच आरोपियों के खिलाफ अभी भी मुकदमा चल रहा है।

जिन दो आरोपियों को सजा सुनाई गई है, उनमें महाराष्ट्र के अहमदनगर निवासी सोमनाथ संजय इकाडे और उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के रहने वाले सोनू कुमार शामिल हैं। एनआईए ने सोमनाथ संजय इकाडे को दिसंबर 2019 में कर्नाटक के कारवार से, जबकि सोनू कुमार को उसी महीने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से गिरफ्तार किया था।

कोर्ट ने दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 18 और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 5 साल, 11 महीने और 15 दिन की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, कोर्ट ने दोनों पर 5,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यदि आरोपियों ने जुर्माना अदा नहीं किया, तो उन्हें एक साल की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।

यह मामला भारतीय नौसेना के संवेदनशील ठिकानों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की जासूसी से सम्बंधित है, जिसमें विदेशी एजेंटों और जासूसों की संलिप्तता का पता चला है। एनआईए ने यह मामला दिसंबर 2019 में आंध्र प्रदेश पुलिस के इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के काउंटर इंटेलिजेंस पुलिस स्टेशन, विजयवाड़ा से अपने हाथ में लिया था।

जांच के दौरान, जून 2020 में एनआईए ने 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद मार्च 2021 में एक अन्य आरोपी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दायर की गई। एनआईए द्वारा दर्ज मामला अब भी जांच और ट्रायल की प्रक्रिया में है।

एनआईए ने स्पष्ट किया है कि यह जांच भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुँचाने की साजिश के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के उद्देश्य से की जा रही है। एजेंसी का कहना है कि जासूसी के पीछे की पूरी साजिश को उजागर करने के लिए उसके प्रयास लगातार जारी हैं।

Point of View

यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। हमें विदेशी जासूसी के खतरे को गंभीरता से लेना चाहिए और अपनी सुरक्षा नीतियों को सुदृढ़ करना चाहिए।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

विशाखापत्तनम जासूसी मामले में कितने आरोपी हैं?
इस मामले में कुल 15 आरोपी हैं, जिनमें से 10 को दोषी ठहराया जा चुका है।
एनआईए ने कब इस मामले की जांच शुरू की थी?
एनआईए ने दिसंबर 2019 में इस मामले की जांच शुरू की थी।
क्या आरोपियों को कितनी सजा मिली है?
दो आरोपियों को 5 साल, 11 महीने और 15 दिन की साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है।
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