क्या बुसान में शी जिनपिंग और ट्रंप की मुलाकात से बदलेंगे अमेरिका-चीन रिश्ते?

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क्या बुसान में शी जिनपिंग और ट्रंप की मुलाकात से बदलेंगे अमेरिका-चीन रिश्ते?

सारांश

शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप की हालिया मुलाकात ने अमेरिका-चीन संबंधों में संभावित बदलाव की उम्मीदें जगाई हैं। क्या यह मुलाकात दोनों देशों के बीच व्यापार और सुरक्षा मुद्दों को सुलझाने में मदद करेगी? जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता की सभी खास बातें।

Key Takeaways

  • शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत का सकारात्मक संकेत।
  • टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा की संभावना।
  • दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद।
  • मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ताओं का महत्व।
  • चीन और अमेरिका के भविष्य के संबंधों पर गहन चर्चा।

सियोल, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण कोरिया पहुंचे हैं। अमेरिकी टैरिफ से मचे घमासान के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुसान में अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की।

इस मुलाकात के माध्यम से माना जा रहा है कि शी जिनपिंग की यह यात्रा अमेरिका-चीन व्यापार और सुरक्षा प्रतिद्वंद्विता के बीच सियोल और वाशिंगटन के साथ बीजिंग के भविष्य के संबंधों की नींव रख सकती है।

शी जिनपिंग के साथ मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमारी मुलाकात बहुत सफल रहने वाली है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को एक कठोर वार्ताकार और एक महान देश का महान नेता करार दिया। उन्होंने कहा कि हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं और हमारे बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं।

ट्रंप ने जिनपिंग से कहा, "मुझे लगता है कि हमारे बीच लंबे समय तक शानदार संबंध बने रहेंगे और आपका हमारे साथ होना सम्मान की बात है।"

वहीं चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि ट्रंप को देखकर अच्छा लग रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच कभी-कभी टकराव होना सामान्य बात है। उनका मानना ​​है कि चीन का विकास ट्रंप के 'अमेरिका को फिर से महान बनाओ' नजरिए के साथ-साथ चलता है, और वह अमेरिका-चीन संबंधों के लिए एक ठोस आधार बनाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए तैयार हैं।

2019 के बाद डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति की यह पहली मुलाकात हो रही है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर पहले से लगाए गए टैरिफ पर 100 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी थी और कहा था कि चीन पर 157 फीसदी टैरिफ 1 नवंबर से लागू हो जाएंगे। अब देखना यह है कि शी से मुलाकात के बाद क्या अमेरिकी राष्ट्रपति टैरिफ कम करते हैं या नहीं। चीन ने रेयर अर्थ के निर्यात को लेकर अपने नियम कड़े कर दिए थे, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ बम फोड़ दिया था।

पिछले हफ्ते, दोनों देशों के व्यापार वार्ताकारों ने मलेशिया में एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे ट्रंप और शी के बीच आगामी शिखर सम्मेलन का मार्ग प्रशस्त हुआ।

इससे पहले एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी अब प्रभावी रूप से विचाराधीन नहीं है।

बुधवार को आगामी वार्ता की घोषणा करते हुए, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, "दोनों नेता चीन-अमेरिका संबंधों से संबंधित रणनीतिक और दीर्घकालिक मुद्दों के साथ-साथ आपसी चिंता के प्रमुख मुद्दों पर गहन बातचीत करेंगे।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध हमेशा से जटिल रहे हैं। हाल की मुलाकात से यह उम्मीद की जा सकती है कि दोनों नेता मिलकर अपने देशों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए कि क्या यह वास्तव में कार्यान्वित होगा।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात कब हुई?
यह मुलाकात 30 अक्टूबर को बुसान में हुई।
क्या इस मुलाकात से व्यापार टैरिफ में कमी आएगी?
अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वार्ता के दौरान इस पर चर्चा होगी।
क्या यह मुलाकात अमेरिका-चीन संबंधों को सुधारने में मदद करेगी?
यह मुलाकात दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद की संभावना पैदा करती है।
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