क्या योग से तनाव को मात दी जा सकती है? रोजाना करें इन तीन योगासनों का अभ्यास

सारांश
Key Takeaways
- बालासन दिमाग को शांत करता है।
- सुखासन शारीरिक और मानसिक दबाव को कम करता है।
- शवासन विश्राम की मुद्रा है जो नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज रफ्तार वाली जिंदगी में तनाव हमारे रोजमर्रा का हिस्सा बन चुका है। यह तनाव गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे डिप्रेशन, का कारण बन सकता है। ऐसे में योग एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय साबित हो सकता है। बीते कुछ वर्षों में योग ने करोड़ों लोगों की सेहत में सुधार किया है और यह मानसिक तनाव को भी कम कर खुशहाल जीवन प्रदान कर रहा है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग तनाव को कम करने में सहायता करता है। तनाव के समय हमारे शरीर में कॉरटिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। योग का अभ्यास इस हार्मोन के स्तर को नियंत्रित रखता है, जिससे तनाव में कमी आती है। इसके अलावा, योग हमारे नर्वस सिस्टम को संतुलित करता है, जिससे मस्तिष्क को शांति मिलती है।
तनाव को कम करने वाले प्रभावशाली योगासनों में बालासन, सुखासन और शवासन शामिल हैं।
बालासन: तनाव से राहत पाने के लिए बालासन एक बेहतरीन विकल्प है। इसे करने के लिए पहले घुटनों के बल बैठें और एड़ियों को एक साथ मिलाएं। अब धीरे-धीरे दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए सांस लेते हुए आगे झुकें। इस स्थिति में पांच मिनट तक बने रहना चाहिए। बालासन दिमाग को शांत करता है और मानसिक थकान को दूर करता है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव में कमी देखी जा सकती है।
सुखासन: सुखासन तनाव को नियंत्रित करने के लिए सरल लेकिन प्रभावशाली आसन है। इसे करने के लिए पालथी मारकर बैठें और आंखें बंद कर गहरी सांस लें। इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। यह आसन तनाव के कारण होने वाले शारीरिक और मानसिक दबाव को कम करता है। जो लोग छोटी-छोटी बातों पर जल्दी घबराते या चिंतित होते हैं, उनके लिए सुखासन बेहद फायदेमंद है।
शवासन: शवासन को 'विश्राम की मुद्रा' भी कहा जाता है, जो मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। इसे करने के लिए आरामदायक स्थिति में पीठ के बल लेट जाएं। शरीर और मन दोनों को पूरी तरह से विश्राम की स्थिति में लाएं। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और मानसिक तनाव कम होता है। नींद की कमी और अनिद्रा से जूझ रहे लोगों के लिए शवासन एक वरदान साबित हो सकता है।