क्या युवा बेरोजगारी और महिला असुरक्षा बड़ा मुद्दा है? : भाई जगताप

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं की बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है।
- महिलाओं की असुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- महंगाई की समस्या आम जनता को प्रभावित कर रही है।
- केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।
- शिक्षा में इतिहास को सही तरीके से पढ़ाना चाहिए।
मुंबई, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई जगताप ने विजयादशमी के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं सभी देशवासियों और विशेषकर महाराष्ट्र के लोगों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। हम इस त्योहार को दशहरा के रूप में मनाते हैं, जिसका संदेश हमेशा से यही रहा है कि असत्य पर सत्य की विजय होती है। लेकिन, आज के समय में अपने देश के हालात पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि देश बहुत परेशान है। हमारे युवा बेरोजगारी से परेशान हैं, महिलाएं असुरक्षा से त्रस्त हैं और आम जनता बढ़ती महंगाई के बोझ तले दबी हुई है।
भाई जगताप ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों से देश की स्थिति बदहाल है और इसके लिए मौजूदा सरकार जिम्मेदार है। 2014 के बाद से देश गलत दिशा में जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में आरएसएस और वीर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे नेताओं के योगदान को शामिल करने की बात कही है।
भाई जगताप ने इस फैसले पर विरोध जताते हुए कहा, "आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की मदद की और मुखबिरी का काम किया। ये लोग देशभक्ति की बात कैसे कर सकते हैं? वीर सावरकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने स्वतंत्रता संग्राम का विरोध किया। अगर इनका इतिहास बच्चों को पढ़ाया गया, तो देश में बड़ा आंदोलन होगा।"
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मोहसिन नकवी ने भारत से ट्रॉफी लेने की बात कही है। जिस पर जगताप ने कहा, "भारत ने ट्रॉफी जीती है, खिलाड़ियों को राजनीति में न घसीटा जाए।"
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान पर टिप्पणी करते हुए जगताप ने कहा कि इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह दबाव में दिया गया बयान हो सकता है।