क्या 2025-26 में संकटग्रस्त रियल्टी परियोजनाओं से ऋण वसूली में 16 प्रतिशत की वृद्धि होगी?

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क्या 2025-26 में संकटग्रस्त रियल्टी परियोजनाओं से ऋण वसूली में 16 प्रतिशत की वृद्धि होगी?

सारांश

क्या संकटग्रस्त रियल्टी परियोजनाओं से ऋण वसूली में 16% की वृद्धि संभव है? जाने इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट में, जहां एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसी) का महत्व और बाजार की स्थिति की चर्चा की गई है। जानिए कैसे नई इकाइयों की बिक्री और मांग में तेजी इस वृद्धि को प्रभावित कर सकती है।

Key Takeaways

  • संकटग्रस्त परियोजनाओं से ऋण वसूली दर 38% तक पहुँचने की संभावना।
  • नई इकाइयों की बिक्री में वृद्धि का महत्व।
  • रियल एस्टेट क्षेत्र में स्थिर मांग का योगदान।
  • एआरसी की भूमिका संकटग्रस्त परियोजनाओं में सुधार में।
  • माइक्रो मार्केट्स में बढ़ती मांग की संभावना।

नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस) एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसी) द्वारा संकटग्रस्त रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए जारी की गई सुरक्षा रसीदों (एसआर) की संचयी वसूली दर इस वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत बढ़कर 38 प्रतिशत होने की संभावना है। यह जानकारी क्रिसिल की हाल ही में जारी रिपोर्ट में दी गई है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यह सुधार इन परियोजनाओं में नई इकाइयों की मजबूत बिक्री पर निर्भर करेगा, जो कि आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में स्थिर मांग और एआरसी द्वारा ऋण के रणनीतिक पुनर्गठन के कारण संभव हो पाया है।

क्रिसिल की रिपोर्ट ने एनसीआर, एमएमआर3 और बेंगलुरु के माइक्रो मार्केट्स में स्थित 70 संकटग्रस्त रियल एस्टेट परियोजनाओं का विश्लेषण किया है, जिनमें लगभग 10,800 करोड़ रुपए के एसआर जारी किए गए हैं।

इन परियोजनाओं का अधिकांश भाग गिरती बिक्री, धीमी वसूली और निर्माण पूरा करने के लिए धन की कमी के कारण बढ़ते ऋण चक्र में फंस गया था।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रियल एस्टेट की कीमतों में वृद्धि और महामारी के बाद माइक्रो मार्केट्स में बढ़ती मांग के कारण बिक्री में तेजी आई है, जिससे ये परियोजनाएं बाहरी निवेशकों के लिए फंडिंग के लिए व्यवहार्य हो गई हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एनसीआर, एमएमआर3 और बेंगलुरु के सूक्ष्म बाजारों में आवासीय अचल संपत्ति की मांग में 2025-2026 में 7-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो इन संकटग्रस्त परियोजनाओं की बिक्री को भी समर्थन प्रदान करेगी।

रेटेड परियोजनाओं में से लगभग दो-तिहाई मिड-प्रीमियम सेगमेंट और उससे ऊपर की हैं, जिनसे वित्त वर्ष 26 में स्थिर मांग के कारण एआरसी की रिकवरी में 80 प्रतिशत तक का योगदान देने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शेष परियोजनाएं अफोर्डेबल सेगमेंट की हैं, जिनकी मांग मामूली होने की संभावना है और इस वित्त वर्ष में वसूली में कम योगदान देंगी।

रिपोर्ट के अनुसार, ऋण का पुनर्गठन संकटग्रस्त रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए एक पसंदीदा समाधान रणनीति के रूप में उभरा है।

पहला, एआरसी भुगतान पर आरंभिक रोक लगाकर ऋण को वहन करने योग्य स्तर पर ला सकते हैं, जिससे डेवलपर्स इन परियोजनाओं में इकाइयों के निर्माण के लिए नकदी प्रवाह को पुनर्निर्देशित कर सकते हैं।

दूसरा, एआरसी द्वारा पुनर्गठन का पक्ष लिए जाने का कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में अंतर्निहित मुद्दे हैं, जिसमें भूमि का दोहरा स्वामित्व और विकास अधिकार शामिल हैं।

Point of View

यह कहना उचित है कि संकटग्रस्त रियल एस्टेट परियोजनाओं में सुधार की आशा एक सकारात्मक संकेत है। एआरसी की भूमिका और बाजार की स्थिरता इस दिशा में महत्वपूर्ण है। हमें यह देखना होगा कि क्या यह वृद्धि वास्तव में जमीन पर उतरेगी या सिर्फ एक अनुमानित आंकड़ा रह जाएगा।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

संकटग्रस्त रियल एस्टेट परियोजनाओं से ऋण वसूली में वृद्धि क्यों हो रही है?
यह वृद्धि नई इकाइयों की बिक्री और मांग में तेजी के कारण हो रही है।
क्या एआरसी का पुनर्गठन प्रक्रिया महत्वपूर्ण है?
हाँ, एआरसी का पुनर्गठन संकटग्रस्त परियोजनाओं के लिए एक प्रभावी समाधान है।