क्या 2025 में घरेलू बाजार पर वैश्विक हालातों का असर पड़ा और 2026 में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है?
सारांश
Key Takeaways
- 2025 में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन औसत रहा।
- सेंसेक्स में 9-10% की वृद्धि हुई।
- वैश्विक घटनाओं ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
- 2026 में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
- कमाई में सुधार से बाजार को मजबूती मिलेगी।
मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए इतना लाभदायक नहीं रहा, लेकिन इसका प्रदर्शन औसत बना रहा। यदि 31 दिसंबर 2024 और 31 दिसंबर 2025 के बीच तुलना की जाए, तो सेंसेक्स में लगभग 9-10 प्रतिशत की सिंगल-डिजिट वृद्धि देखी गई है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में कोई विशेष मजबूती नहीं दिखाई दी। कुल मिलाकर, बाजार का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। यह जानकारी मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह ने राष्ट्र प्रेस से साझा की।
मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह ने 2025 के भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन पर विचार करते हुए कहा कि किसी भी वर्ष के आंकड़ों का विश्लेषण करते समय यह आवश्यक है कि उस वर्ष में क्या-क्या घटनाएं हुईं। 2025 में वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की शुरुआत हुई, जिसकी अगुवाई अमेरिका ने की। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला, जिसका असर भारत पर भी पड़ा।
इसके अलावा, 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी घटनाएं और विभिन्न हिस्सों में चल रहे भू-राजनीतिक तनाव ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया। वैश्विक स्तर पर कई क्षेत्रों में अस्थिरता बनी रही, जिससे निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता सीमित हो गई। इन सभी परिस्थितियों के बावजूद, भारतीय शेयर बाजार का स्थिर रहना एक सकारात्मक संकेत है।
एक्सपर्ट ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए यह भी स्वीकार किया कि अगर भारत की तुलना अन्य उभरते हुए बाजारों (एमर्जिंग मार्केट्स) से की जाए, तो भारतीय बाजार इस वर्ष अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन करने वालों में रहा। इसका मुख्य कारण यह रहा कि घरेलू बाजार के मूल्यांकन पहले से ही महंगे थे और अन्य उभरते बाजारों की तुलना में प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे थे। इस स्थिति में वैश्विक निवेशकों ने उन बाजारों का रुख किया जहां का मूल्यांकन अधिक आकर्षक था, जिससे वहां के शेयर बाजारों में तेजी आई।
नए वर्ष 2026 के संबंध में एक्सपर्ट शाह ने सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया। उनका मानना है कि मौजूदा वित्त वर्ष के दूसरे भाग में, अर्थात सेकंड हाफ में, बाजार की असली मजबूती देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह दूसरा भाग भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा और इस दौरान वृद्धि में सुधार दिख सकता है।
अगले समय में सेक्टर रोटेशन की भी उम्मीद है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कमाई में सुधार की संभावना है। कमाई में वृद्धि से शेयर बाजार को मजबूती मिलेगी, और यही कारण है कि 2026 वर्ष, 2025 की तुलना में निवेशकों के लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकता है।
एक्सपर्ट शाह का मानना है कि आगामी वर्ष निवेशकों के लिए अधिक लाभकारी हो सकता है। उनका कहना है कि यदि कमाई में सुधार होता है, तो इसका प्रत्यक्ष लाभ निवेशकों के पोर्टफोलियो पर दिखाई देगा और भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।