क्या क्वांटम कंप्यूटिंग से क्रिप्टोग्राफी एन्क्रिप्टेड पासवर्ड टूट सकते हैं? तुहिन कांत पांडे का बयान

सारांश
Key Takeaways
- क्वांटम कंप्यूटिंग से क्रिप्टोग्राफी एन्क्रिप्टेड पासवर्ड को तोड़ना संभव है।
- हमें क्वांटम फ्रूफ पासवर्ड अपनाने की आवश्यकता होगी।
- डिजिटल सुरक्षा में नए बदलाव लाने की आवश्यकता है।
मुंबई, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने बुधवार को बताया कि क्वांटम कंप्यूटिंग के विकास से क्रिप्टोग्राफी द्वारा एन्क्रिप्टेड पासवर्ड को तोड़ना संभव हो सकता है, जो वर्तमान में डिजिटल सिस्टम्स की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाए जा रहे हैं।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के दौरान मीडिया से बातचीत में सेबी प्रमुख ने कहा, "वर्तमान में क्वांटम सेफ कंप्यूटिंग की चर्चा चल रही है और भविष्य में क्वांटम कंप्यूटिंग का आगमन होगा, जिससे सामान्य क्रिप्टोग्राफी को तोड़ने की संभावना है, जो कि क्रिप्टो का आधार भी है। इसके परिणामस्वरूप, क्रिप्टोग्राफी से बने पासवर्ड भी कमजोर हो सकते हैं। इसलिए, हमें अपने पासवर्ड में परिवर्तन करना आवश्यक होगा।"
उन्होंने आगे बताया कि यह कुछ हद तक याई2के मूवमेंट की तरह होगा, जिसमें 1999 से 2000 के दौरान कुछ डिजिट जोड़ने की जरूरत पड़ी थी। वर्तमान में क्रिप्टोग्राफी विधि से बनाए गए पासवर्ड क्वांटम कंप्यूटिंग के कारण टूट सकते हैं। इसलिए, जहां-जहां क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया गया है, वहां हमें तैयारी करनी होगी। हमें क्वांटम फ्रूफ पासवर्ड का उपयोग करना होगा, जिन्हें पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी कहा जाता है।
सेबी प्रमुख ने आगे कहा कि कुछ फिनटेक कंपनियां ब्लॉकचेन का इस्तेमाल कर रही हैं। इसके लिए हमने एक रेगुलेटरी सेंडबॉक्स तैयार किया है, जिसमें इन कंपनियों को ब्लॉकचेन के फिनटेक में उपयोग को प्रदर्शित करना होगा।
इसके पूर्व, एक अन्य कार्यक्रम में सेबी प्रमुख ने कहा था कि डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बाजारों को हमारे लिए बेहद सरल बना दिया है, लेकिन इसने धोखेबाजों को निवेशकों को ठगने के लिए नए उपकरण भी प्रदान किए हैं।
सेबी प्रमुख ने कहा कि प्रतिभूति बाजार हमारे देश की विकास की धुरी हैं और यह सुनिश्चित करना हमारी साझा जिम्मेदारी है कि यह ईमानदारी और पारदर्शिता की मजबूत नींव पर चले।