क्या भारत-ईयू एफटीए पर आखिरी दौर की बातचीत से समझौता संभव है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और ईयू के बीच एफटीए की वार्ता अंतिम चरण में है।
- निर्यात को बढ़ाने के लिए विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है।
- मोदी सरकार ने मत्स्य उद्योग को प्रोत्साहन दिया है।
- उद्योग जगत को सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया गया है।
- उत्तर प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं की सराहना की गई।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को जानकारी दी कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर बातचीत अंतिम चरण में है, और निकट भविष्य में समझौता होने की संभावनाएं हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में इंडो-अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स समिट के दौरान गोयल ने कहा कि सरकार निर्यात को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जिसमें उत्पादों और उनके गंतव्यों का विविधीकरण विशेष रूप से शामिल है।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के प्रयासों के कारण, यूरोप ने 100 से अधिक भारतीय मत्स्य प्रतिष्ठानों को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी है, जबकि रूस के साथ भी बातचीत चल रही है जिसमें लगभग 25 मत्स्य प्रतिष्ठानों को मान्यता दी जा सकती है।
मत्स्य प्रतिष्ठान वे व्यवसाय हैं जो मछली और समुद्री खाद्य पदार्थों की प्रोसेसिंग करते हैं।
कार्यक्रम में, गोयल ने कहा, "इस वित्त वर्ष में देश का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा, और मुझे विश्वास है कि भारत इसी गति से विकास करता रहेगा और विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।"
फिक्की की 98वीं वार्षिक आम बैठक में, गोयल ने उद्योग के नेताओं से भारत के विकास को तेज करने के लिए अधिक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।
उन्होंने फिक्की से कहा कि उनकी उपस्थिति को प्रमुख शहरों से आगे बढ़ाकर भारत के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाना चाहिए, ताकि विकास को बढ़ावा देने के लिए उनकी भागीदारी का विस्तार किया जा सके।
इंडो-अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स समिट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अवनीश अवस्थी ने भी इस कार्यक्रम में पीयूष गोयल की उपस्थिति को महत्वपूर्ण बताया, जहां उन्होंने योगी सरकार की कानून व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश से संबंधित उपलब्धियों की सराहना की।