क्या भारत ग्लोबल साउथ में परिवर्तन को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है?

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क्या भारत ग्लोबल साउथ में परिवर्तन को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है?

सारांश

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने भारत की सतत विकास की दिशा में प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उनका कहना है कि भारत का आर्थिक मॉडल वैश्विक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जानें, कैसे भारत अपने विकास के अनुभव को साझा कर सकता है।

Key Takeaways

  • भारत का आर्थिक मॉडल वैश्विक स्थिरता में योगदान दे सकता है।
  • 24.8 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं।
  • भारत का समावेशी विकास अन्य देशों के लिए प्रेरणा है।
  • नवीनतम डिजिटल तकनीकें भारत में प्रगति का आधार हैं।
  • युवाओं का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करना भारत की प्राथमिकता है।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि भारत का सतत आर्थिक और समावेशी विकास मॉडल इसे ऐसे समय में 'स्थिरता का आधार' बनाता है, जब दुनिया आर्थिक अनिश्चितता और परिवर्तन का सामना कर रही है।

अमेरिका स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच के मंत्रिस्तरीय सत्र में बेरी ने कहा, "विश्व समुदाय वर्तमान में गहन आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिससे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए सभी का मिलकर काम करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।"

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज दुनिया को नए ग्रोथ इंजन, डेवलपमेंट मॉडल और स्टेबिलिटी के विश्वसनीय आधार की आवश्यकता है, जिन्हें विभिन्न देशों में लागू किया जा सके।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपने विशिष्ट लाभों और विकास के इतिहास का उपयोग कर ग्रोथ इंजन, डेवलपमेंट मॉडल और स्टेबिलिटी के विश्वसनीय आधार तीनों को प्रदान करने के लिए तैयार और उत्सुक है।

बेरी ने भारत की आर्थिक दृढ़ता पर जोर देते हुए कहा कि देश लगातार बढ़ते सामाजिक-आर्थिक मानकों के साथ एक समृद्ध लोकतंत्र बन गया है।

उन्होंने इस प्रगति का श्रेय समावेशी डिजिटल तकनीकों, नैतिक रूप से सुदृढ़ सुधारों और समाज के सभी पहलुओं को सशक्त बनाने वाले कानूनों को दिया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने ग्लोबल साउथ में परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

उनका मानना था कि अन्य विकासशील देश भारत की विकास यात्रा से सीख सकते हैं।

बेरी ने हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अनुमान है कि 2013-14 और 2022-23 के बीच लगभग 24.8 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत इन युवाओं का उज्ज्वल और उत्पादक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, क्योंकि अब दुनिया भर में वर्कफोर्स में प्रवेश करने वाले युवाओं की सबसे बड़ी संख्या भारत में है।

बेरी ने कहा कि भारत की डेवलपमेंट स्टोरी इस बात का प्रमाण है कि समावेशी और सतत विकास न केवल संभव है, बल्कि विभिन्न परिस्थितियों में इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की भूमिका वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण है। भारत का आर्थिक मॉडल न केवल स्थिरता की ओर अग्रसर है, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करता है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत का सतत विकास मॉडल क्या है?
भारत का सतत विकास मॉडल एक ऐसा ढांचा है जो आर्थिक विकास, सामाजिक समावेशिता और पर्यावरणीय सुरक्षा को एक साथ लाता है।
भारत ग्लोबल साउथ में कैसे योगदान कर सकता है?
भारत अपने विकास के अनुभव और तकनीकी मदद के जरिए अन्य विकासशील देशों को प्रेरित कर सकता है।