क्या भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय है? अमेरिका से ट्रेड डील होगी अहम : रिपोर्ट

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क्या भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय है? अमेरिका से ट्रेड डील होगी अहम : रिपोर्ट

सारांश

भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय रहने की उम्मीद है, जबकि निर्यात में वृद्धि से स्थिति में सुधार हो रहा है। अमेरिका-भारत ट्रेड डील का महत्व बढ़ रहा है। जानें इस रिपोर्ट में क्या खास है।

Key Takeaways

  • भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय है।
  • निर्यात में वृद्धि हो रही है।
  • अमेरिका-भारत ट्रेड डील महत्वपूर्ण होगी।
  • सोने और तेल के आयात में कमी आई है।
  • सेवा क्षेत्र में वृद्धि जारी है।

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय रहने की उम्मीद है, क्योंकि देश का अन्य एशियाई व्यापार साझेदारों जैसे चीन, हांगकांग और दक्षिण कोरिया को निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहा है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है।

बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता ने कहा कि इसी प्रकार का ट्रेंड स्पेन और जर्मनी को होने वाले निर्यात में भी देखने को मिल रहा है। यह आने वाले महीनों में देश की निर्यात वृद्धि को समर्थन देगा।

गुप्ता ने कहा कि सेवाओं के संदर्भ में, स्थिति स्थिर रहने की उम्मीद है। इसके परिणामस्वरूप, वित्त वर्ष 26 में भारत का चालू खाता घाटा जीडीपी के 1.2-1.5 प्रतिशत के बीच नियंत्रण में रहने की संभावना है। आने वाले समय में भारत-अमेरिका ट्रेड डील महत्वपूर्ण होगी।

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, "निर्यात वृद्धि में सुधार आया है और अन्य बाजारों में विविधीकरण का लाभ मिल रहा है।"

सीजनल मांग के कारण दूसरी छमाही में सोने का आयात बढ़ने की संभावना है। हालांकि, कच्चे तेल की कम कीमतों से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, जो अधिक आपूर्ति की आशंकाओं के बीच मौजूदा स्तर पर बने रहने की संभावना है।

सितंबर में भारत की निर्यात वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर स्थिर रही, जबकि सितंबर 2024 में इसमें 1 प्रतिशत की कमी देखी गई थी।

सोने और तेल के आयात में कमी के कारण कुल आयात वृद्धि में कमी आई है। सकारात्मक बात यह है कि इस वर्ष गैर-तेल और गैर-सोने के आयात में वृद्धि देखी गई है।

भारत के व्यापारिक निर्यात में वित्त वर्ष 26 में अब तक 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में इसमें 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

इस वर्ष आयात वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 9 प्रतिशत थी। सेवा क्षेत्र में, पिछले वर्ष इसी अवधि में 12 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, इस वर्ष सेवा निर्यात में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा आयात में गिरावट ने सेवा संतुलन पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में मदद की है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि व्यापार घाटा एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन निर्यात वृद्धि और अन्य बाजारों में विविधीकरण से स्थिति में सुधार की संभावना है। अमेरिका के साथ ट्रेड डील का महत्व इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत का व्यापार घाटा क्या है?
भारत का व्यापार घाटा वह अंतर है जो देश के आयात और निर्यात के बीच होता है।
क्या भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय है?
हां, रिपोर्ट के अनुसार, भारत का व्यापार घाटा प्रबंधनीय रहने की उम्मीद है।
अमेरिका-भारत ट्रेड डील का क्या महत्व है?
यह डील भारत के निर्यात को बढ़ाने और व्यापार घाटे को कम करने में मदद कर सकती है।
भारत के निर्यात में वृद्धि के कारण क्या हैं?
चीन, हांगकांग और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई व्यापार साझेदारों को निर्यात में वृद्धि इसका कारण है।
क्या सेवा क्षेत्र में वृद्धि हुई है?
हां, सेवा क्षेत्र में निर्यात में वृद्धि देखी गई है, हालांकि आयात में गिरावट आई है।