क्या भारत का व्यापार घाटा जून 2025 में कम होकर 18.78 अरब डॉलर रह गया?

सारांश
Key Takeaways
- जून 2025 में व्यापार घाटा 18.78 अरब डॉलर रहा।
- निर्यात में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई।
- आयात में 3.71 प्रतिशत की कमी आई।
- सेवा क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया।
- व्यापार वार्ताएं जारी हैं।
नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जून में भारत का व्यापार घाटा घटकर 18.78 अरब डॉलर हो गया, जबकि मई में यह 21.88 अरब डॉलर था।
जून में भारत का निर्यात 35.14 अरब डॉलर पर स्थिर रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 35.16 अरब डॉलर था।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून में देश का आयात 3.71 प्रतिशत घटकर 53.92 अरब डॉलर रह गया, जबकि एक साल पहले यह 56 अरब डॉलर था।
हालांकि, देश के सेवा क्षेत्र ने जून में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस दौरान सर्विस ट्रेड सरप्लस 15.62 अरब डॉलर रह गया है। पिछले महीने भारत ने 32.84 अरब डॉलर की सेवाओं का निर्यात किया, जबकि 17.58 अरब डॉलर की सेवाओं का आयात किया।
जून में व्यापारिक वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात 67.98 अरब डॉलर रहा, जबकि वस्तुओं और सेवाओं का कुल आयात 71.50 अरब डॉलर रहा। जून में शुद्ध व्यापार घाटा 3.51 अरब डॉलर था।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने पिछले महीने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वैश्विक संघर्ष और अनिश्चितताएँ भारतीय निर्यात को प्रभावित कर रही हैं, हालांकि सरकार शिपिंग और बीमा से संबंधित निर्यातकों की चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
ये आंकड़े अमेरिका और अन्य वैश्विक साझेदारों के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं के बीच आए हैं।
अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए देश में व्यापक बाजार पहुंच चाहता है, जो भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में एक बड़ा मुद्दा है, क्योंकि इससे भारत में बड़ी संख्या में छोटे किसानों की आजीविका प्रभावित होगी।
वहीं, अमेरिका ने अन्य देशों को व्यापार वार्ता के लिए और अधिक समय देते हुए टैरिफ बढ़ोतरी को 1 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है।