क्या भारत की अर्थव्यवस्था खपत और निवेश के कारण मजबूत बनी है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत की अर्थव्यवस्था खपत, निवेश और सरकारी खर्च में वृद्धि के कारण मजबूत हुई है।
- वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत है।
- सरकारी खर्च और अच्छे मानसून ने सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखा है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-सितंबर अवधि में मजबूत रही है। इसकी मुख्य वजह खपत, निवेश और सरकारी खर्च में वृद्धि है। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में प्रस्तुत की गई।
सरकार ने बताया है कि समीक्षा अवधि में खाद्य उत्पादों की कीमतें एक सीमित दायरे में बनी रहीं। जीएसटी सुधार और बाहरी क्षेत्र का प्रदर्शन संतुलित रहा। इसके साथ ही, स्थिर तरलता और अच्छे वित्तीय बाजार ने मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता को बनाए रखा है।
यह बयान उस समय आया है जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अगस्त की मौद्रिक नीति को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।
केंद्रीय बैंक ने भारत की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 6.5 प्रतिशत था।
आधिकारिक बयान में उल्लेख किया गया है, "मजबूत उपभोग, निवेश और सरकारी खर्च के कारण घरेलू अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है, और अच्छे मानसून, जीएसटी 2.0, बेहतर क्रेडिट फ्लो और बढ़ती क्षमता उपयोग जैसे सहायक कारक सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रख रहे हैं।"
भारत की वास्तविक जीडीपी वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले तिमाही में 7.4 प्रतिशत थी। यह पिछले सात तिमाही में सबसे तेज वृद्धि दर है। अर्थव्यवस्था में इस तेजी का मुख्य कारण मजबूत निवेश और उपभोग का बढ़ना है।
वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है। कई वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भी इसकी पुष्टि की है।
आईएमएफ के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। फिच ने विकास दर वित्त वर्ष 26 में 6.9 प्रतिशत और वित्त वर्ष 27 में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत और ओईसीडी ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।