क्या भारत की डेटा सेंटर कैपेसिटी 2025 के पहले 9 महीनों में 1.5 गीगावाट के पार पहुंच गई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की डेटा सेंटर कैपेसिटी 1.5 गीगावाट को पार कर गई है।
- मुंबई में 53 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
- तेजी से डिजिटलीकरण और एआई में निवेश का महत्व।
- 94 अरब डॉलर
- भारत सबसे लागत-प्रतिस्पर्धी डेटा सेंटर वातावरण प्रस्तुत करता है।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की डेटा सेंटर कैपेसिटी 2025 के पहले 9 महीनों में पहली बार 1.5 गीगावाट के आंकड़े को पार कर गई है। यह जानकारी बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वर्ष जनवरी से सितंबर के बीच 260 मेगावाट की सप्लाई में वृद्धि हुई है।
रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया ने कहा, "तेजी से होते डिजिटलीकरण, अनुकूल सरकारी नियमों और एआई में बढ़ते कॉर्पोरेट निवेश के कारण भारत के डेटा सेंटर की कैपेसिटी में यह वृद्धि हुई है।"
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुंबई इस वर्ष सितंबर के अंत तक 1,530 मेगावाट की क्षमता के साथ देश की कुल डेटा सेंटर कैपेसिटी में 53 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा।
मुंबई की यह हिस्सेदारी दुनिया भर में सबमरीन केबल्स के लिए महत्वपूर्ण एंट्री लोकेशन होने के कारण देखी गई है।
इसके बाद चेन्नई ने 20 प्रतिशत शेयर, दिल्ली-एनसीआर ने 10 प्रतिशत शेयर और बेंगलुरू ने 7 प्रतिशत शेयर के साथ स्थान बनाया। इन चारों शहरों ने मिलकर देश की कुल डेटा सेंटर कैपेसिटी में 90 प्रतिशत का योगदान दिया।
सीबीआरई के साउथ-ईस्ट एशिया, मिडल ईस्ट एंड अफ्रिका और इंडिया चेयरमैन और सीईओ अंशुमान मैगजीन ने कहा, "भारत के डेटा सेंटर कैपेसिटी में पिछले चार से पांच वर्षों में तेज़ वृद्धि हुई है, जो भारत के तेजी से हो रहे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को दर्शाता है।"
उन्होंने आगे कहा कि बढ़ते इंटरनेट पेनिट्रेशन, क्लाउड अडॉप्शन और एआई एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उभरने से डिजिटलीकरण में तेजी आ रही है, जिससे मजबूत डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत विश्व में सबसे अधिक लागत-प्रतिस्पर्धी डेटा सेंटर वातावरण प्रस्तुत करता है, जिसे लोअर कंस्ट्रक्शन और इलेक्ट्रिसिटी लागत का समर्थन प्राप्त है। यह सिंगापुर, चीन और जापान जैसे अन्य बाजारों की तुलना में सस्ता है।
देश में डिजिटल और एआई टैलेंट का एक बड़ा पूल भी मौजूद है, जो कि वैश्विक एआई कार्यबल में 6,00,000 पेशेवरों के साथ 16 प्रतिशत का योगदान देता है। यह 2027 तक डबल होने की संभावना है।
सीबीआरई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2019 से 94 अरब डॉलरतेलंगाना, महाराष्ट्र और तमिलनाडु शीर्ष तीन गंतव्य के रूप में उभरे हैं।
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि देश के डेटा सेंटर क्षेत्र को 2025 के जनवरी से सितंबर तक की अवधि में 30 बिलियन डॉलर के निवेश का कमिटमेंट मिला है।