क्या भारत की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण एक वर्ष के उच्चतम स्तर को पार कर गया?

सारांश
Key Takeaways
- बाजार पूंजीकरण 467 लाख करोड़ रुपए के पार गया।
- विदेशी निवेशकों की नई खरीदारी में वृद्धि।
- अक्टूबर की शुरुआत से 16 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि।
- सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 4 महीने का उच्चतम स्तर।
- अल्पावधि में बाजार तेजी की उम्मीद।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण एक वर्ष के उच्चतम स्तर को पार करते हुए 467 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को छू गया है। यह वृद्धि विदेशी निवेशकों द्वारा की गई नई खरीदारी और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की संभावित प्रगति के कारण हुई है।
विश्लेषकों का मानना है कि धनतेरस से पहले की त्योहारी मांग, कॉर्पोरेट आय के सकारात्मक अनुमानों और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से बाजार में यह तेजी आई है, जिससे समग्र मैक्रो आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 1 अक्टूबर, 2024 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है और वर्तमान में यह 27 सितंबर, 2024 के उच्चतम स्तर से केवल 2.3 प्रतिशत पीछे है। अक्टूबर की शुरुआत से, निवेशकों ने बाजार मूल्य में लगभग 16 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि की है।
यह वृद्धि व्यापक रूप से हुई है, जिसमें लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में वृद्धि देखी गई। इस महीने अब तक, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लगभग चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच चुके हैं और 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
विश्लेषकों ने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की अपेक्षा और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति के कारण निवेशकों का मनोबल बढ़ा है।
रियल्टी, आईटी और बैंकिंग शेयरों ने इस तेजी को और बढ़ावा दिया, जिसमें निफ्टी रियल्टी में 7 प्रतिशत, जबकि निफ्टी बैंक और निफ्टी आईटी में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बीएसई मिडकैप जैसे प्रमुख सूचकांकों में 3.66 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पावधि में बाजार में तेजी बनी रहेगी, हालांकि यह कुछ समय के लिए एक स्थिर रेंज में चल सकता है। सेंसेक्स का समर्थन स्तर 25,500-25,400 है, जबकि निफ्टी का 83,200-82,900 है। सेंसेक्स का प्रतिरोध स्तर 25,725-25,800 और निफ्टी का 83,800-84,000 है।
पिछले आठ सत्रों में, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) छह सत्रों में शुद्ध खरीदार रहे हैं, जिन्होंने सेकेंडरी मार्केट में 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
इसी बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 18,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।