क्या भारत में ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय अगले पांच वर्षों में 280 अरब डॉलर के पार जाएगा? जेफरीज की भविष्यवाणी

Click to start listening
क्या भारत में ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय अगले पांच वर्षों में 280 अरब डॉलर के पार जाएगा? जेफरीज की भविष्यवाणी

सारांश

क्या भारत में ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय अगले पांच वर्षों में 280 अरब डॉलर के पार पहुंचने वाला है? जेफरीज की हालिया रिपोर्ट में इस पर गहरा विश्लेषण किया गया है, जो ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के बढ़ते अवसरों और सरकारी पहलों पर आधारित है। जानें इस रिपोर्ट के महत्वपूर्ण पहलू क्या हैं।

Key Takeaways

  • भारत में ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय अगले पांच वर्षों में 280 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • बड़े ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स में निवेश एक प्रमुख कारण है।
  • पावर सेगमेंट में 21 प्रतिशत के सीएजीआर से वृद्धि की उम्मीद है।
  • केंद्र सरकार स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  • ग्रीन एनर्जी की हिस्सेदारी कुल बिजली उत्पादन में 51 प्रतिशत हो गई है।

मुंबई, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय अगले पांच वर्षों में दोगुना से अधिक बढ़कर 280 अरब डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है। यह जानकारी वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज द्वारा सोमवार को साझा की गई।

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2030 के बीच भारत का ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2019-2024 के स्तर की तुलना में 2.2 गुना बढ़कर 280 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है।

ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय में वृद्धि का कारण बड़े ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स में निवेश, सरकार का मजबूत नीतिगत समर्थन और ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ता निवेश है।

ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि का पावर सेगमेंट एक प्रमुख चालक होगा, जो 21 प्रतिशत के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ रहा है। हालांकि, समग्र इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल कैपेक्स वित्त वर्ष 2024-2027 के दौरान 11 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2025 में 1.6 लाख करोड़ रुपए की ट्रांसमिशन बोलियां पहले ही दी जा चुकी हैं, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह राशि 39,500 करोड़ रुपए थी।

जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के एनर्जी सिक्योरिटी और ग्रिड के आधुनिकरण पर जोर देने से पावर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है। मजबूत कार्यान्वयन, बढ़ते ऑर्डर इनफ्लो और मार्जिन में सुधार से इस सेक्टर की अग्रणी कंपनियों को लाभ होगा।

ब्रोकरेज फर्म ने आगे कहा, "भारत के मौजूदा पूंजीगत व्यय चक्र में पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सबसे आकर्षक इंडस्ट्रियल सेगमेंट्स में से एक बना हुआ है।"

केंद्र सरकार ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा पर भी ध्यान दे रही है।

पिछले महीने केंद्र सरकार ने कहा था कि कुल बिजली उत्पादन में ग्रीन एनर्जी की हिस्सेदारी बढ़कर 51 प्रतिशत हो गई है, जिसमें रिन्यूएबल, हाइड्रो और न्यूक्लियर प्लांट से उत्पन्न बिजली शामिल है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि भारत का ऊर्जा क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। सरकार के प्रयासों और निवेश की संभावनाओं के चलते, यह क्षेत्र न केवल आर्थिक वृद्धि को गति देगा, बल्कि हमारी ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करेगा।
NationPress
10/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत में ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय कब दोगुना होगा?
अगले पांच वर्षों में, यानी वित्त वर्ष 2025 से 2030 के बीच, ऊर्जा पर पूंजीगत व्यय दोगुना होने की उम्मीद है।
जेफरीज का अनुमान किस आधार पर है?
जेफरीज का अनुमान बड़े ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स में निवेश, मजबूत नीतिगत समर्थन और ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ते निवेश के आधार पर है।
भारत में ग्रीन एनर्जी का योगदान कितना है?
केंद्र सरकार के अनुसार, कुल बिजली उत्पादन में ग्रीन एनर्जी की हिस्सेदारी बढ़कर 51 प्रतिशत हो गई है।