क्या केरल में बर्ड फ्लू के मामलों के बाद तमिलनाडु के नमक्कल में सुरक्षा उपायों को बढ़ाया गया?
सारांश
Key Takeaways
- नमक्कल में पोल्ट्री फार्मों ने जैव-सुरक्षा उपायों को बढ़ाया है।
- अंतर-राज्यीय सीमाओं पर निगरानी में वृद्धि की गई है।
- फार्मों में स्वास्थ्य निगरानी को सख्त किया गया है।
- पोल्ट्री फीड और अंडों को कीटाणुरहित किया जा रहा है।
- वैक्सीनेशन और सफाई उपायों का पालन किया जा रहा है।
चेन्नई, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के फैलने की खबरों के बीच, पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के नमक्कल जिले में पोल्ट्री फार्मों ने सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया है। यह क्षेत्र देश के सबसे बड़े अंडा उत्पादन केंद्रों में से एक है। ऐसे में, पोल्ट्री फार्मों ने बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जैव-सुरक्षा और निगरानी के उपायों को बढ़ाया है।
नमक्कल में लगभग 1,500 पोल्ट्री फार्म हैं, जो विभिन्न भारतीय राज्यों और विदेशी बाजारों में अंडे भेजते हैं। भारत की पोल्ट्री इंडस्ट्री में जिले की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, अधिकारी और किसान कोई भी जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं।
तमिलनाडु सरकार ने अंतर-राज्यीय सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। इसके साथ ही, पोल्ट्री परिवहन गाड़ियों की जांच की जा रही है और फार्मों में स्वास्थ्य निगरानी को सख्त किया गया है।
नमक्कल के एक पोल्ट्री फार्म के मालिक पथसारथी ने कहा कि एहतियात के तौर पर और सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू किया गया है। उन्होंने बताया, 'केरल में बीमारी के फैलने के बाद हमने जैव-सुरक्षा के नियमों को और मजबूत किया है। मुर्गियों को नियंत्रित माहौल में रखा जाता है और सफाई व कीटाणुनाशन का पालन सख्ती से किया जाता है। बीमारी फैलाने वाले जीवों को खत्म करने के लिए अक्सर फॉर्मेलिन का उपयोग किया जाता है।'
उन्होंने आगे कहा कि पोल्ट्री फीड और अंडे ले जाने वाली गाड़ियों को फार्म में प्रवेश करने से पहले अच्छी तरह से कीटाणुरहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'केरल से आने वाले वाहनों के साथ अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है। उन्हें फार्मों के पास आने से पहले पूरी तरह से कीटाणुरहित किया जाता है।'
एक अन्य पोल्ट्री किसान ने कहा कि बचाव के लिए वैक्सीनेशन और सफाई के उपाय फार्म को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया, 'हम सुनिश्चित करते हैं कि मुर्गियों को समय पर वैक्सीन लगाई जाए और सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए। गीला कूड़ा, कचरा जमा होना या खराब फीड आसानी से संक्रमण फैला सकता है, इसलिए लगातार निगरानी जरूरी है।'
पोल्ट्री प्रोडक्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव वल्सन परमेश्वरन ने कहा कि इंडस्ट्री खतरों के प्रति पूरी तरह से जागरूक है। उन्होंने कहा, 'नमक्कल से रोजाना 50 लाख से अधिक अंडे निर्यात किए जाते हैं। एक्सपोर्ट वाले फार्म साल भर सख्त जैव-सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं। मुर्गियों की हर 21 दिन में जांच की जाती है और फार्मों में इस्तेमाल होने वाले पानी का भी ट्रीट किया जाता है, ताकि रोगाणु खत्म हो जाएं।'
पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अंतर-राज्यीय चेक पोस्ट पर निगरानी बढ़ा दी गई है। अधिकारी ने कहा, 'नमक्कल का केरल से सीमा नहीं है, लेकिन पोल्ट्री हब के रूप में इसकी महत्वपूर्णता इसे जोखिम में डालती है। हमने जांच, वाहन चेक और किसानों तथा कामकाजी लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम बढ़ाए हैं ताकि किसी भी प्रकोप का जल्दी पता लगाया जा सके और रोकथाम की जा सके।'