क्या जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच ने फर्जी नौकरी घोटाले में चार्जशीट दायर की?

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क्या जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच ने फर्जी नौकरी घोटाले में चार्जशीट दायर की?

सारांश

जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच ने एक फर्जी एनजीओ के माध्यम से नौकरी घोटाले के आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में कई लोगों को ठगा गया था। जानिए, इस घोटाले का पूरा सच क्या है?

Key Takeaways

  • फर्जी एनजीओ के माध्यम से नौकरी घोटाला किया गया।
  • आरोपी ने जाली दस्तावेज का उपयोग किया।
  • कई लोगों से लाखों रुपए की ठगी हुई।
  • क्राइम ब्रांच की जांच जारी है।
  • जनता से सावधान रहने की अपील की गई है।

श्रीनगर, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच ने रविवार को जानकारी दी है कि उसने एक फर्जी एनजीओ के माध्यम से एक रिक्रूटर द्वारा किए गए व्यापक नौकरी घोटाले के आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

क्राइम ब्रांच कश्मीर ने एक बयान में कहा, "क्राइम ब्रांच कश्मीर की आर्थिक अपराध विंग (ईओडब्ल्यू) ने श्रीनगर के एक निवासी के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की है, जिसे एक फर्जी एनजीओ के जरिए रिक्रूटर बनकर बड़े पैमाने पर नौकरी धोखाधड़ी करने का दोषी ठहराया गया है।"

आरोपी ने 'साई एनजीओ कंसल्टेंसी' के नाम पर अस्पतालों और बैंकों में नौकरी दिलाने का झूठा वादा करते हुए तंगमर्ग के कई निवासियों से लाखों रुपए की ठगी की।

क्राइम ब्रांच कश्मीर की ईओडब्ल्यू के अनुसार, एफआईआर नंबर 49/2022 के अंतर्गत जो बड़े पैमाने पर नौकरी धोखाधड़ी से संबंधित है और जो सेक्शन 420, 467, 468 और 471 आरपीसी के तहत दर्ज की गई थी, सिटी जज (सब रजिस्ट्रार) श्रीनगर की अदालत में एक विस्तृत चार्जशीट दायर की गई है।

बयान में कहा गया कि यह मामला एक लिखित शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें तंगमर्ग क्षेत्र के कई निवासियों ने आरोप लगाया कि मोहम्मद सिद्दीक टपलू के बेटे रियाज अहमद टपलू ने उन्हें धोखा दिया। आरोपी ने भोले-भाले नौकरी खोजने वालों को जाने-माने अस्पतालों और बैंकों में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाने का झूठा वादा करके फंसाया।

बयान में कहा गया कि आरोपी ने नकली नियुक्ति पत्र और यूनिफॉर्म का सामान जारी किया, जिससे पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया गया कि नौकरी के ऑफर असली हैं।

इस मामले में शिकायत मिलने के बाद, क्राइम ब्रांच कश्मीर (अब आर्थिक अपराध विंग) ने जांच शुरू की। इस दौरान यह साबित हुआ कि आरोपी 'साई एनजीओ कंसल्टेंसी' नामक एक फर्जी एनजीओ चला रहा था। इस नकली संस्था का उपयोग करके, आरोपी ने बेरोजगार युवाओं को जाली नियुक्ति पत्र और नौकरी के झूठे वादों के जरिए ठगा।

जांच में यह पक्के तौर पर पता चला कि आरोपी ने जानबूझकर धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेजों का उपयोग किया, जिससे उसने गंभीर आर्थिक अपराध किए और कमजोर नौकरी चाहने वालों का फायदा उठाया।

बयान में आगे कहा गया कि सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने और पर्याप्त सबूत इकट्ठा करने के बाद, आर्थिक अपराध विंग ने औपचारिक रूप से सक्षम अदालत में न्यायिक जांच और ट्रायल के लिए चार्जशीट जमा कर दी है। आर्थिक अपराध विंग नौकरी से जुड़े घोटालों को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और जनता से आग्रह करता है कि वे धोखाधड़ी वाले नौकरी के प्रस्तावों से सावधान रहें और किसी भी वित्तीय प्रतिबद्धता से पहले भर्ती एजेंसियों की प्रामाणिकता की जांच करें।

Point of View

बल्कि यह शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक प्रभाव डालता है। हमें इस तरह के घोटालों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। एक राष्ट्र के रूप में, हमें ऐसे अपराधों का सामना करने के लिए एकजुट होना होगा।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

यह नौकरी घोटाला कैसे हुआ?
आरोपी ने एक फर्जी एनजीओ स्थपित करके लोगों को नौकरी का झूठा वादा किया और उनसे पैसे ठगे।
क्या आरोपी को गिरफ्तार किया गया है?
जांच जारी है और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है।
इस घोटाले से प्रभावित लोग क्या करें?
वे तुरंत पुलिस में शिकायत करें और अपने पैसे की वसूली के लिए कानूनी मदद लें।
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