क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौसैनिक पनडुब्बी पर ऐतिहासिक यात्रा की?

Click to start listening
क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौसैनिक पनडुब्बी पर ऐतिहासिक यात्रा की?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर ऐतिहासिक यात्रा की। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय नौसेना की क्षमता को प्रदर्शित करना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना था। यह यात्रा राष्ट्रपति मुर्मू के लिए कई मायनों में विशेष है।

Key Takeaways

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पनडुब्बी पर दौरा ऐतिहासिक है।
  • आईएनएस वाघशीर स्वदेशी निर्मित पनडुब्बी है।
  • यह यात्रा आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में देखी जा रही है।
  • राष्ट्रपति के दौरे से नौसेना का मनोबल बढ़ा है।
  • पारंपरिक रूप से, यह यात्रा एक नया कीर्तिमान स्थापित करती है।

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रविवार को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वदेशी निर्माण की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर सवार होकर एक महत्वपूर्ण यात्रा की। वह कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे पर पहुँचीं। राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा भारतीय नौसेना की क्षमताओं और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा निर्माण कार्यक्रम का एक मजबूत प्रतीक है।

इस विशेष अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित रहे। पनडुब्बी पर उच्च अधिकारियों और कमांडिंग ऑफिसर ने राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया। इस यात्रा के दौरान उन्हें पनडुब्बी की परिचालन क्षमता, स्टील्थ विशेषताएँ और हथियार प्रणालियों के बारे में जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त, उन्हें भारतीय नौसेना के अंडरवॉटर वॉरफेयर नेटवर्क के बारे में भी विस्तार से बताया गया। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक मानी जा रही है।

यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कलवरी क्लास की पनडुब्बी पर पहला दौरा था, और वह भारतीय इतिहास में ऐसा करने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भी एक पनडुब्बी पर सॉर्टी की थी, जो भारतीय नौसेना के इतिहास में एक विशेष क्षण है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, कारवार स्थित आईएनएस वाघशीर और अन्य नौसैनिक स्थलों पर राष्ट्रपति की यह यात्रा न केवल नौसेना के मनोबल को बढ़ाने वाली है, बल्कि यह संकेत देती है कि देश की उच्च नेतृत्व व्यवस्था सैन्य तैयारियों का प्रत्यक्ष अनुभव और मूल्यांकन करने में कितनी सक्रिय है। राष्ट्रपति मुर्मू को समुद्र में तैनाती के दौरान पनडुब्बी कर्मियों की चुनौतियों और उनके प्रशिक्षण के बारे में भी जानकारी दी गई। स्वदेशी डिज़ाइन और निर्माण की गई कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना की अंडरवॉटर क्षमता का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।

आईएनएस वाघशीर, प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित, अत्याधुनिक सेंसर, हथियारों और ध्वनि-रहित संचालन क्षमता से लैस है, जो इसे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति का एक महत्वपूर्ण साधन बनाता है। राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा पश्चिमी समुद्री तट पर नौसेना के परिचालन क्षेत्रों के व्यापक मूल्यांकन का हिस्सा मानी जा रही है। विशेषज्ञों ने इसे नौसेना के लिए प्रेरणादायक क्षण बताया है, जो सैन्य बलों के प्रति राष्ट्रीय नेतृत्व के समर्थन और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान 'राफेल' में उड़ान भरी थी। पनडुब्बी की यात्रा के साथ-साथ उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

राष्ट्रपति मुर्मू 29 अक्टूबर को हरियाणा के अंबाला स्थित वायुसेना स्टेशन पर पहुँची थीं, जहाँ उन्होंने वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान 'राफेल' में सॉर्टी की थी।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि भारत का नेतृत्व अपनी सैन्य तैयारियों का मूल्यांकन करने में कितनी सक्रियता से संलग्न है। यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रपति मुर्मू का पनडुब्बी पर दौरा कब हुआ?
राष्ट्रपति मुर्मू का पनडुब्बी पर दौरा 28 दिसंबर को हुआ।
आईएनएस वाघशीर किस श्रेणी की पनडुब्बी है?
आईएनएस वाघशीर कलवरी श्रेणी की स्वदेशी रूप से निर्मित पनडुब्बी है।
यह यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
यह यात्रा भारतीय नौसेना की क्षमता और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा निर्माण कार्यक्रम का प्रतीक है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने पहले कौन सी पनडुब्बी पर यात्रा की थी?
राष्ट्रपति मुर्मू का यह कलवरी क्लास की पनडुब्बी पर पहला दौरा है।
क्या राष्ट्रपति ने राफेल में उड़ान भरी थी?
हाँ, राष्ट्रपति मुर्मू ने राफेल में भी उड़ान भरी थी।
Nation Press