क्या सोमवार से आईआईपी डेटा, फेड मिनट्स और एफआईआई तय करेंगे शेयर बाजार की दिशा?

Click to start listening
क्या सोमवार से आईआईपी डेटा, फेड मिनट्स और एफआईआई तय करेंगे शेयर बाजार की दिशा?

सारांश

इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई है। अब निवेशक आईआईपी डेटा, फेड मिनट्स और एफआईआई गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। क्या ये संकेत बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगे?

Key Takeaways

  • आईआईपी डेटा 29 दिसंबर को जारी होगा।
  • फेड मिनट्स 31 दिसंबर को आएंगे।
  • निफ्टी के लिए 26,200 और 26,500 पर रेजिस्टेंस है।
  • रुपये की स्थिति भी महत्वपूर्ण है।
  • बाजार में सतर्कता बनी रह सकती है।

मुंबई, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने कमजोरी के साथ समापन किया। अब निवेशक कुछ महत्वपूर्ण घरेलू और वैश्विक संकेतों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा को निर्धारित कर सकते हैं।

इस सप्ताह औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े, अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) के बैठक के मिनट्स, रुपये की हलचल और विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियाँ शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण संकेतक रहेंगी।

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। नए संकेतों की कमी के कारण निवेशकों ने मुनाफावसूली का सहारा लिया। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले संकेतों और सतर्कता के माहौल का प्रभाव बाजार पर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।

बीएसई सेंसेक्स 367.25 अंक यानी 0.43 प्रतिशत गिरकर 85,041.45 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, निफ्टी 99.80 अंकों यानी 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,042.30 पर समापन हुआ।

इस बीच, छोटे और मझोले शेयरों पर भी दबाव बना रहा। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.18 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.34 प्रतिशत गिरा।

विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में बाजार का रुख सुस्त बना रह सकता है। उनका कहना है कि तरलता की कमी और महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा के कारण बाजार अगले सप्ताह सीमित दायरे में रह सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि निफ्टी 26,000 से 25,800 के सपोर्ट लेवल के ऊपर बना रहता है, तो बाजार का माहौल सकारात्मक रह सकता है।

उन्हें यह भी बताया गया कि निफ्टी के लिए ऊपर की ओर 26,200 के पास रेजिस्टेंस है, उसके बाद 26,500 का स्तर है। जबकि नीचे की ओर 26,000 और फिर 25,800 पर सपोर्ट है। यदि 25,800 के नीचे मजबूत गिरावट आती है, तो थोड़े समय के लिए बिकवाली बढ़ सकती है।

आने वाले सप्ताह का एक बड़ा संकेत भारत का औद्योगिक उत्पादन डेटा होगा। नवंबर 2025 के लिए इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) के आंकड़े 29 दिसंबर को जारी होने वाले हैं।

एक और महत्वपूर्ण वैश्विक संकेत अमेरिका से आएगा। वहां फेडरल रिजर्व 31 दिसंबर को अपनी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के मिनट्स जारी करेगा।

दिसंबर की नीति बैठक में फेड ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करके उन्हें 3.75 प्रतिशत कर दिया था। इससे नरम नीति जारी रहने का संकेत मिलता है।

निवेशक इन मिनट्स से यह समझने का प्रयास करेंगे कि आगे ब्याज दरों का रास्ता क्या हो सकता है और फेड महंगाई और आर्थिक विकास को लेकर क्या सोचता है।

भारतीय रुपये की चाल भी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रहेगी। शुक्रवार को रुपया 19 पैसे कमजोर होकर डॉलर के मुकाबले 89.90 पर बंद हुआ।

चूंकि इस सप्ताह किसी बड़े घरेलू नीति के ऐलान की उम्मीद नहीं है, इसलिए बाजार में सतर्कता बनी रह सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरान कुछ विशेष शेयरों में ही हलचल देखने को मिलेगी, जबकि पूरे बाजार के इंडेक्स सीमित दायरे में रह सकते हैं, क्योंकि निवेशक आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेश के रुख को देखकर ही आगे के निर्णय लेंगे।

Point of View

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में सकारात्मकता की संभावना बनी हुई है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

आईआईपी डेटा क्या है?
आईआईपी डेटा औद्योगिक उत्पादन के स्तर को मापता है, जो आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
फेड मिनट्स का क्या महत्व है?
फेड मिनट्स यह बताते हैं कि फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों के बारे में क्या निर्णय लिया गया था और भविष्य की नीतियों का क्या संकेत मिलता है।
विदेशी निवेशक (FII) का बाजार पर क्या असर होता है?
विदेशी निवेशक के निवेश में वृद्धि या कमी से बाजार में तेजी या गिरावट आ सकती है।
Nation Press