क्या वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की धाक दिख रही है? उच्च विकास दर के साथ निर्यात तेजी से बढ़ रहा है।

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क्या वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की धाक दिख रही है? उच्च विकास दर के साथ निर्यात तेजी से बढ़ रहा है।

सारांश

भारत की अर्थव्यवस्था उच्च विकास दर के साथ तेजी से बढ़ रही है, जो वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रही है। निर्यात भी ऐतिहासिक ऊँचाई पर पहुँच गया है। जानिए इसके पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएँ।

Key Takeaways

  • विकास दर: 6.5 प्रतिशत
  • निर्यात: 824.9 बिलियन डॉलर
  • महंगाई दर: 2.82 प्रतिशत
  • खुदरा निवेशक संख्या: 13.2 करोड़
  • भविष्य की विकास दर: 6.4 प्रतिशत अनुमानित

नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएल)। भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही है, जो कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। इसके साथ ही, इस दौरान देश का निर्यात भी 824.9 बिलियन डॉलर के नए सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है।

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था आत्मविश्वास के साथ लगातार बढ़ रही है।

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में देश की विकास दर इसी स्तर के आसपास रहने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत की विकास दर इस वर्ष 6.3 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जबकि भारतीय उद्योग परिसंघ का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 6.40 से 6.70 प्रतिशत के बीच रह सकती है।

अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन के कारण देश के निर्यात में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। भारत का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 824.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 778.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 6.01 प्रतिशत अधिक है। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में देश का निर्यात केवल 466.22 बिलियन डॉलर था, जो बीते एक दशक में निरंतर प्रगति को दर्शाता है।

एक ओर, देश तेजी से आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है, वहीं दूसरी ओर महंगाई दर भी न्यूनतम स्तरों पर बनी हुई है।

मई 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.82 प्रतिशत पर रही थी, जो कि फरवरी 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है।

इसके अतिरिक्त, भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन के कारण पूंजीगत बाजारों पर भी निवेशकों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की संख्या दिसंबर 2024 तक बढ़कर 13.2 करोड़ हो गई है, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 4.9 करोड़ था। यह बढ़ोतरी इक्विटी बाजारों में बढ़ती सार्वजनिक रुचि और देश की दीर्घकालिक क्षमता में विश्वास को दर्शाती है। अब अधिकतर लोग शेयर बाजार को केवल बड़ी कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी संपत्ति बनाने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी स्थिरता और विकास के साथ वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रही है। निर्यात में वृद्धि और कम महंगाई दर इस बात का संकेत है कि देश एक मजबूत आर्थिक भविष्य की ओर बढ़ रहा है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान विकास दर क्या है?
वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत है।
भारत का निर्यात इस वर्ष कितना है?
इस वर्ष भारत का निर्यात 824.9 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया है।
महंगाई दर का स्तर क्या है?
मई 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.82 प्रतिशत रही है।
भारतीय शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की संख्या कितनी है?
दिसंबर 2024 तक भारतीय शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की संख्या 13.2 करोड़ हो गई है।
भारत की विकास दर भविष्य में क्या होगी?
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत की विकास दर अगले वर्ष 6.4 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।