क्या अमेरिकी टैरिफ ने शेयर बाजार को लाल निशान में ला दिया?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी टैरिफ हैं।
- फार्मा शेयरों पर दबाव बढ़ने से बाजार प्रभावित हो रहा है।
- वैश्विक बाजार भी लाल निशान में हैं, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ी है।
मुंबई, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार के कारोबारी सत्र की शुरुआत गिरावट के साथ की। सुबह 9:18 बजे सेंसेक्स 197 अंक या 0.24 प्रतिशत की कमी के साथ 80,962 और निफ्टी 66 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,819 पर था।
शुरुआती कारोबार में लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 354 अंक या 0.64 प्रतिशत घटकर 57,201 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 184 अंक या 1.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,782 पर था।
बाजार को नीचे खींचने में फार्मा शेयरों की प्रमुख भूमिका रही है। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ चल रहा था। इसके अतिरिक्त, आईटी और हेल्थकेयर इंडेक्स भी एक प्रतिशत से अधिक नीचे थे।
बाजार में इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए नए टैरिफ को माना जा रहा है। इस नई श्रृंखला के तहत अमेरिकी प्रशासन ने आयातित दवाओं पर 100 प्रतिशत, किचन कैबिनेट्स पर 50 प्रतिशत और बड़े ट्रकों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है।
सेंसेक्स पैक में एलएंडटी, टाटा मोटर्स, आईटीसी, मारुति सुजुकी, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख लाभार्थी थे। वहीं, सन फार्मा, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, एचसीएल टेक और बजाज फाइनेंस प्रमुख हानि में थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि पेटेंट और ब्रांडेड दवाओं पर नए टैरिफ लगाने के साथ, राष्ट्रपति ट्रंप का टैरिफ के प्रति गुस्सा फिर से उभर आया है। जेनेरिक दवाओं का निर्यातक होने के नाते, भारत पर इसका असर पड़ने की संभावना कम है। लेकिन हो सकता है कि राष्ट्रपति का अगला निशाना जेनेरिक दवाएं हों। यह निर्णय फार्मा कंपनियों के लिए नकारात्मक भावना पैदा करेगा।
वैश्विक बाजार में भी लाल निशान में कारोबार हो रहा है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक और सोल सभी लाल निशान में थे। अमेरिकी बाजार भी गुरुवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुए थे।