क्या 2.14 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें डिजिटली कनेक्ट हुईं?

सारांश
Key Takeaways
- भारतनेट परियोजना के तहत 2,14,325 ग्राम पंचायतें डिजिटल रूप से जुड़ी हैं।
- 21,748 मोबाइल टावर चालू किए गए हैं।
- 26,316 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना चल रही है।
- दूरदराज क्षेत्रों में 4जी मोबाइल सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजनाएं भी निर्माणाधीन हैं।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए, भारतनेट परियोजना के तहत देश में 2,14,325 ग्राम पंचायतों (जीपी) को डिजिटल रूप से जोड़ा गया है। यह जानकारी मंगलवार को संसद में सरकार की ओर से प्रदान की गई।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि जून तक विभिन्न सरकारी वित्त पोषित मोबाइल परियोजनाओं के तहत 21,748 मोबाइल टावर चालू किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि दूरदराज और दुर्गम इलाकों में 4जी मोबाइल सेवाओं के अभाव वाले गांवों में सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा 26,316 करोड़ रुपए की लागत से एक परियोजना चलाई जा रही है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने देश के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों और द्वीपों में उच्च-बैंडविड्थ क्षमता वाली इंटरनेट/ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और मोबाइल सेवाएं प्रदान करने के लिए कई कदम और परियोजनाएं शुरू की हैं।
सरकार ने बताया कि विभिन्न ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जैसे चेन्नई और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (2,312 किमी) के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल, मुख्य भूमि (कोच्चि) और लक्षद्वीप द्वीप समूह (1,869 किमी) के बीच और लक्षद्वीप में 225 किमी ओएफसी नेटवर्क का निर्माण।
इन परियोजनाओं से द्वीपों में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड/इंटरनेट सेवाएं, मोबाइल सेवाएं (4जी/5जी) और अन्य उच्च गति डेटा सेवाओं को तेजी से शुरू करने में मदद मिली है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारतनेट परियोजना के तहत निर्मित बुनियादी ढांचा एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जो सेवा प्रदाताओं के लिए बिना भेदभाव के उपलब्ध है और इसका उपयोग ब्रॉडबैंड सेवाएं जैसे फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन, लीज्ड लाइनें, डार्क फाइबर, मोबाइल टावरों तक बैकहॉल आदि प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।"
देश के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट/डेटा और मोबाइल सेवाओं के प्रावधान के लिए विभिन्न परियोजनाएं भी कार्यान्वित की गई हैं।