क्या डिजीलॉकर एआई-बेस्ड ईकेवाईसी और ग्लोबल क्रेडेंशियल वेरिफिकेशन के साथ पेपरलेस गवर्नेंस का ग्लोबल मॉडल बनेगा?

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क्या डिजीलॉकर एआई-बेस्ड ईकेवाईसी और ग्लोबल क्रेडेंशियल वेरिफिकेशन के साथ पेपरलेस गवर्नेंस का ग्लोबल मॉडल बनेगा?

सारांश

डिजीलॉकर को एआई-बेस्ड ईकेवाईसी और ग्लोबल क्रेडेंशियल वेरिफिकेशन के साथ पेपरलेस गवर्नेंस का एक वैश्विक मॉडल बनाने के लिए केंद्र सरकार की योजनाएँ। पढ़ें इस नई पहल के महत्व और डिजिटल इंडिया की यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • डिजीलॉकर पेपरलेस गवर्नेंस का एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है।
  • यह एआई-बेस्ड ईकेवाईसी को सक्षम करेगा।
  • गवर्नेंस में विश्वास स्थापित करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
  • राज्यों को डिजिलॉकर एक्सेलरेटर के रूप में पहचाना गया है।
  • असम को इंटीग्रेशन एक्सीलेंस सम्मान मिला है।

नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार डिजीलॉकर को भविष्य में एआई-बेस्ड ईकेवाईसी और ग्लोबल क्रेडेंशियल वेरिफिकेशन के साथ पेपरलेस गवर्नेंस के ग्लोबल मॉडल के रूप में एक मजबूत स्थिति में देखती है।

मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस सप्ताह 'डिजीलॉकर-इनेबलिंग पेपरलेस एक्सेस फॉर ऑल' विषय पर एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था, जिसमें पेपरलेस गवर्नेंस, इंक्लूसिव एजुकेशन और सुरक्षित डिजिटल सर्विस को सुविधाजनक बनाने में डिजीलॉकर की भूमिका पर चर्चा की गई।

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने कहा, "डिजीलॉकर नागरिकों, मंत्रालयों और विभागों को जोड़ते हुए एक ट्रस्ट लेयर के रूप में कार्य कर रहा है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से सुरक्षित, इंटरऑपरेबल और जवाबदेह डिजिटल गवर्नेंस संभव हो रहा है।"

उन्होंने देश की डिजिटल यात्रा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल यात्रा कनेक्टिविटी से क्षमता, सर्विस डिलीवरी से आत्मनिर्भरता और अब डिजिटलाइजेशन से भरोसे की ओर बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, "हमारा विजन एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना है, जहां हर डिजिटल इंटरैक्शन भरोसेमंद हो, हर नागरिक सशक्त बने और हर संस्थान अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करे।"

कॉन्फ्रेंस में इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने टेक्नोलॉजी-आधारित गवर्नेंस में भारत की यात्रा को 'डिजिटल ट्रस्ट क्रांति' बताया।

उन्होंने कहा कि डिजीलॉकर लाखों लोगों के लिए गवर्नेंस सिस्टम में विश्वास स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मंत्रालय के नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) के प्रेसिडेंट नंद कुमारम ने डिजीलॉकर के सुरक्षित डॉक्यूमेंट स्टोरेज प्लेटफॉर्म से डिजिटल इंडिया के मुख्य स्तंभ के रूप में विकसित होने की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि यह प्लेटफॉर्म नागरिकों को आईडी, फाइनेंशियल क्रेडेंशियल और सर्टिफिकेट को सुरक्षित रूप से एक्सेस करने, वेरिफाई करने और शेयर करने की सुविधा देता है।

कॉन्फ्रेंस में डिजीलॉकर को अपनाने में राज्यों की खास उपलब्धियों के लिए उन्हें 'डिजिलॉकर एक्सेलरेटर' के रूप में पहचाना गया।

असम को बेहतर सुरक्षा और ट्रांसपेरेंसी के लिए अलग-अलग सेवाओं में डिजिलॉकर के इम्प्लीमेंटेशन के लिए 'इंटीग्रेशन एक्सीलेंस' सम्मान दिया गया।

Point of View

बल्कि यह नागरिकों की सुरक्षा और डेटा प्रबंधन के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की योजनाएँ इसे एक विश्वसनीय डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाती हैं, जो कि डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों के अनुरूप है।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

डिजीलॉकर का उद्देश्य क्या है?
डिजीलॉकर का उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित तरीके से डिजिटल दस्तावेज़ों का प्रबंधन और साझा करने की सुविधा प्रदान करना है।
क्या डिजीलॉकर का उपयोग केवल सरकारी सेवाओं के लिए होता है?
नहीं, डिजीलॉकर का उपयोग निजी संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा भी किया जा सकता है।
डिजीलॉकर में दस्तावेज़ कैसे सुरक्षित रहते हैं?
डिजीलॉकर में दस्तावेज़ों को एन्क्रिप्टेड फॉर्मेट में सुरक्षित रखा जाता है, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है।