क्या जीएसटी सुधार और स्वदेशी उत्पादों की मांग ने दिवाली बिक्री को 6.05 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचाया?

सारांश
Key Takeaways
- दिवाली बिक्री में 6.05 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड स्थापित हुआ।
- मुख्य खुदरा क्षेत्र का योगदान 85 प्रतिशत रहा।
- जीएसटी कटौती ने बिक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार का अनुमान है।
- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्रय शक्ति का योगदान 28 प्रतिशत है।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को इस वर्ष दिवाली की बिक्री में हुई अभूतपूर्व वृद्धि की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जीएसटी रेट कट और स्वदेशी उत्पादों की मजबूत मांग के चलते दिवाली पर बिक्री का आंकड़ा 6.05 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बयान का उल्लेख किया, जिसमें इस वर्ष दिवाली की बिक्री में 5.4 लाख करोड़ रुपए वस्तुओं की बिक्री और 65,000 करोड़ रुपए सेवाओं की बिक्री शामिल होने का अनुमान लगाया गया है।
कैट की रिसर्च विंग, रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के अनुसार, यह 2024 की नवरात्रि से दिवाली तक की अवधि की 4.25 लाख करोड़ रुपए की त्योहारी बिक्री की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है और यह देश की ट्रेडिंग इतिहास में अब तक की सबसे अधिक बिक्री है।
सर्वेक्षण के अनुसार, कुल बिक्री में मुख्य खुदरा क्षेत्र का योगदान लगभग 85 प्रतिशत रहा, जो खुदरा बाजार के पुनरुद्धार का संकेत है।
कन्फेक्शनरी, होम डेकॉर, फुटवियर, रेडीमेड गारमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसी प्रमुख उपभोक्ता और खुदरा श्रेणियों में जीएसटी रेट कट के कारण मूल्य प्रतिस्पर्धा में सुधार हुआ और खरीदारी में तेजी आई।
सर्वे में पाया गया है कि लगभग 72 प्रतिशत शामिल व्यापारियों ने बताया कि उनकी बिक्री में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण जीएसटी रेट कट है।
उपभोक्ताओं ने त्योहारी मांग के दौरान स्थिर कीमतों पर अधिक संतोष व्यक्त किया, जिससे दिवाली के बाद भी खपत जारी रही।
गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि क्षेत्र भारत के विकास का एक केंद्रीय स्तंभ बनकर उभरा है, जिसे 9 करोड़ छोटे व्यवसायों और करोड़ों छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स द्वारा संचालित किया जा रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, दिवाली के व्यापार में उछाल के कारण लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, खुदरा सहायता, पैकेजिंग और डिलिवरी क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है।
बढ़ी हुई ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्रय शक्ति ने कुल बिक्री में लगभग 28 प्रतिशत का योगदान दिया है।
कैट ने कहा, "इस वर्ष की दिवाली ने भारत की रिटेल और ट्रेडिंग अर्थव्यवस्था में एक नया मानदंड स्थापित किया है, जो भारतीय उद्यम में परंपरा, टेक्नोलॉजी और ट्रस्ट के मिश्रण का प्रतीक है।"
उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष की दिवाली पीएम नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।