क्या ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाने के लिए 3 नए क्षेत्रीय निदेशालय और 6 नए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज खुलेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- तीन नए क्षेत्रीय निदेशालय स्थापित किए जाएंगे।
- छह नए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज खोले जाएंगे।
- व्यापार माहौल को प्रोत्साहन मिलेगा।
- निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
- रेगुलेटरी प्रक्रिया में सुधार होगा।
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने के लिए सरकार 16 फरवरी, 2026 से तीन नए क्षेत्रीय निदेशालय (आरडी) और छह रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की स्थापना करेगी। इससे रेगुलेटरी प्रक्रिया में सुधार और तेजी से बढ़ते व्यापार माहौल को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।
मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा उत्तर क्षेत्र का क्षेत्रीय निदेशालय, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है और जिसके अधिकार क्षेत्र में एनसीटी दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं, उसे दो हिस्सों में विभाजित किया जाएगा।
आरडी (एनआर-I) का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र एनसीटी दिल्ली और उत्तर प्रदेश पर केंद्रित होगा। वहीं, आरडी (एनआर-II) का मुख्यालय चंडीगढ़ में होगा और इसके अंतर्गत हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, चंडीगढ़, लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र शामिल होंगे।
मौजूदा आरओसी, दिल्ली, जिसे पहले एनसीटी दिल्ली और हरियाणा का अधिकार क्षेत्र प्राप्त था, उसे तीन आरओसी में विभाजित किया जा रहा है। आरओसी (एनसीटी ऑफ दिल्ली-I) का मुख्यालय दिल्ली में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली, दक्षिण पश्चिम दिल्ली, नई दिल्ली, दक्षिण पूर्व दिल्ली और दिल्ली पूर्व जिलों पर होगा; आरओसी (एनसीटी ऑफ दिल्ली-II) का मुख्यालय भी दिल्ली में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र सेंट्रल दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, उत्तर पूर्व दिल्ली और शाहदरा जिलों पर होगा।
आरओसी (हरियाणा), जो चंडीगढ़ में होगा, का अधिकार क्षेत्र हरियाणा के सभी जिलों पर होगा। पहले आरओसी (दिल्ली) का अधिकार क्षेत्र हरियाणा पर भी था। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के 17 पश्चिमी जिलों पर अधिकार रखने वाला नोएडा आरओसी कानपुर से अलग किया जा रहा है।
मौजूदा पश्चिम क्षेत्र का क्षेत्रीय निदेशालय, जिसका मुख्यालय मुंबई में है और जिसका अधिकार क्षेत्र पूरे महाराष्ट्र, गोवा और दमन एवं दीव पर है, उसे दो भागों में बांटा जा रहा है। आरडी (डब्ल्यूआर-I) का मुख्यालय मुंबई में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र मुंबई, उप-शहरी मुंबई, गोवा और दमन एवं दीव पर होगा। आरडी (डब्ल्यूआर-II) का मुख्यालय नवी मुंबई में होगा, जो मुंबई और उप-शहरी क्षेत्रों को छोड़कर महाराष्ट्र के सभी जिलों पर लागू होगा।
मौजूदा आरओसी, मुंबई को भी दो आरओसी में विभाजित किया गया है। आरओसी, मुंबई-I का मुख्यालय मुंबई में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र मुंबई एवं उप-शहरी क्षेत्रों पर होगा। आरओसी, मुंबई-II का मुख्यालय नवी मुंबई में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र औरंगाबाद, धुले, जलगांव, नंदुरबार, नासिक, पालघर, रायगढ़ और ठाणे जिलों पर होगा। इसके अतिरिक्त, आरओसी, नागपुर की स्थापना की जा रही है, जिसका अधिकार क्षेत्र विदर्भ के 11 जिलों और मराठवाड़ा के 7 जिलों पर होगा।
दक्षिण पश्चिम क्षेत्र (एसडब्ल्यूआर) के लिए एक नया क्षेत्रीय निदेशालय स्थापित किया गया है, जिसका मुख्यालय बैंगलोर में होगा और इसके अधिकार क्षेत्र में कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे।
मौजूदा आरओसी, कोलकाता को भी दो आरओसी में विभाजित किया गया है। आरओसी, कोलकाता-I का मुख्यालय कोलकाता में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र कोलकाता जिले एवं सिक्किम पर होगा। आरओसी, कोलकाता-II का मुख्यालय कोलकाता में होगा और इसका अधिकार क्षेत्र कोलकाता को छोड़कर पश्चिम बंगाल पर होगा।