क्या इंदौर में दूषित पानी पीने से हुई मौतों की जांच के लिए कांग्रेस ने समिति बनाई?
सारांश
Key Takeaways
- दूषित पानी
- समिति 5 जनवरी
- मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
- पाइपलाइन में गंदा पानी
- इंदौर में स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर हुई।
इंदौर/भोपाल, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से हुई मौतों के मामले की जांच हेतु कांग्रेस ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति पांच जनवरी तक अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंपेगी।
भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने के बाद कई लोगों को उल्टी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिनमें से तीन से अधिकआठ
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि भागीरथपुरा कॉलोनी में दूषित पानी के कारण आठ लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग अस्पताल में इलाजरत हैं। इंदौर जैसे सबसे साफ शहर में हुई ये मौतें सरकार की लापरवाही को उजागर करती हैं। इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
समिति के सदस्य हैं पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, जयवर्धन सिंह, विधायक भंवर सिंह शेखावत, महेश परमार और प्रताप ग्रेवाल। यह समिति पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेगी और घटना की विस्तृत जांच कर 5 जनवरी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की है, और बीमार मरीजों के उपचार एवं मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस घटना को दुखद बताते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि भागीरथपुरा मामले में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले और सहायक यंत्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समिति आईएएस नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी।
सूत्रों के अनुसार, इंदौर में पानी की आपूर्ति खरगोन जिले के जलुद स्थित नर्मदा पंपिंग स्टेशन से की जाती है। आशंका है कि पाइपलाइन में कहीं गंदा पानी मिल गया था, जिससे लोगों की तबीयत बिगड़ी है।