क्या महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार को कॉरिडोर की मंजूरी के लिए धन्यवाद कहा?

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क्या महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार को कॉरिडोर की मंजूरी के लिए धन्यवाद कहा?

सारांश

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा नासिक–सोलापुर–अक्कलकोट कॉरिडोर को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया। यह परियोजना यात्रा समय में कमी और रोजगार के अवसरों के साथ आर्थिक विकास में मदद करेगी। जानिए इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में और क्या लाभ होंगे।

Key Takeaways

  • नासिक–सोलापुर–अक्कलकोट कॉरिडोर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली।
  • यह कॉरिडोर 374 किमी लंबा होगा और इसे 19,142 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जाएगा।
  • यात्रा समय में लगभग 45% की कमी आएगी।
  • यह परियोजना 2.51 करोड़ प्रत्यक्ष और 3.14 करोड़ अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी।
  • कॉरिडोर लॉजिस्टिक्स क्षमता को बढ़ावा देगा।

मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को केंद्र सरकार के कैबिनेट द्वारा नासिक–सोलापुर–अक्कलकोट मार्ग के लिए छह लेन वाले नए कॉरिडोर को मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि यह परियोजना पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से संबंधित है। इससे यात्रा का समय घटेगा, पश्चिम–पूर्व कनेक्टिविटी में मजबूती आएगी, लॉजिस्टिक्स को प्रोत्साहन मिलेगा और भारी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

मुख्यमंत्री ने अपने एक पोस्ट में कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कैबिनेट का दिल से धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने 374 किमी लंबे नासिक–सोलापुर–अक्कलकोट छह-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (19,142 करोड़ रुपए) को स्वीकृति दी। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी को उन्नति मिलेगी।”

दिन की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने महाराष्ट्र में 374 किमी लंबे छह-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड नासिक–सोलापुर–अक्कलकोट हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी। इस परियोजना की कुल लागत 19,142 करोड़ रुपए होगी और इसे बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर आधार पर विकसित किया जाएगा।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, यह कॉरिडोर नासिक, अहिल्यानगर और सोलापुर जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा और पीएम गति शक्ति ढांचे के तहत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास को तेज करने में सहायक होगा।

नासिक और अक्कलकोट के बीच ग्रीनफील्ड मार्ग को वाधवान बंदर इंटरचेंज के पास दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे, नासिक में राष्ट्रीय राजमार्ग-60 (अडेगांव) पर आगरा–मुंबई कॉरिडोर और नासिक के पास पंगरी में समृद्धि एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। यह कॉरिडोर पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि चेन्नई से हसापुर (महाराष्ट्र सीमा) तक चार-लेन मार्ग का कार्य पहले से ही चल रहा है, जो लगभग 700 किमी लम्बा है। इसे प्रस्तावित छह-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर से जोड़ने पर यात्रा की दूरी 201 किमी और समय लगभग 17 घंटे कम होगा।

नासिक–अक्कलकोट (सोलापुर के रास्ते) कॉरिडोर माल परिवहन की लॉजिस्टिक्स क्षमता को बढ़ाएगा, विशेषकर राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम के कॉपरठी और ओर्वाकलु नोड्स के लिए। नासिक–तलेगांव डिगे खंड प्रस्तावित पुणे–नासिक एक्सप्रेसवे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

यह परियोजना एनआईसीडीसी और महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से विकसित नए एक्सप्रेसवे नेटवर्क का हिस्सा होगी। इसे एक्सेस-कंट्रोल्ड कॉरिडोर और बंद टोलिंग सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिससे औसत गति 60 किमी/घंटा और डिज़ाइन गति 100 किमी/घंटा तक बढ़ेगी।

अधिकारियों के अनुसार, यह कॉरिडोर कुल यात्रा समय को लगभग 45 प्रतिशत कम करेगा, लगभग 31 घंटे से घटाकर लगभग 17 घंटे और यात्रियों तथा माल ढुलाई के लिए तेज, सुरक्षित और बिना रुकावट की गति सुनिश्चित करेगा।

इस परियोजना से लगभग 2.51 करोड़ प्रत्यक्ष और 3.14 करोड़ अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। इसके अलावा, कॉरिडोर के आसपास आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण और भी नौकरी के अवसर बनेंगे।

यह कॉरिडोर नासिक, अहिल्यानगर, धाराशिव और सोलापुर जिलों के लिए कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स क्षमता और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

Point of View

बल्कि यह समग्र राष्ट्रीय अवसंरचना में भी योगदान देगा। इससे नासिक, सोलापुर और अन्य जिलों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जो आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

नासिक–सोलापुर–अक्कलकोट कॉरिडोर का महत्व क्या है?
यह कॉरिडोर यात्रा के समय को कम करेगा, लॉजिस्टिक्स क्षमता बढ़ाएगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
इस परियोजना का बजट क्या है?
इसकी कुल लागत 19,142 करोड़ रुपए है।
इस कॉरिडोर से कितने रोजगार के अवसर पैदा होंगे?
इस परियोजना से लगभग 2.51 करोड़ प्रत्यक्ष और 3.14 करोड़ अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।
क्या यह परियोजना पीएम गति शक्ति योजना से जुड़ी है?
हाँ, यह परियोजना पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत आती है।
इस परियोजना का निर्माण कब शुरू होगा?
निर्माण की तिथियों की विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
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