क्या बेंगलुरु ध्वस्तीकरण मामले पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से कर्नाटक भाजपा चिंतित है?
सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु में ध्वस्तीकरण विवाद पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आई है।
- कर्नाटक भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
- आर. अशोक ने आतंकी तत्वों की मौजूदगी का आरोप लगाया है।
- सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं।
- बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में कमी की गई है।
बेंगलुरु, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बेंगलुरु में हुए ध्वस्तीकरण विवाद पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के बाद कर्नाटक भाजपा ने तीखा विरोध किया है। पार्टी ने कहा कि पड़ोसी देश की टिप्पणी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर सवाल उठाती है।
कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने सवाल उठाया, “पाकिस्तान के विदेश मंत्री को बेंगलुरु में हुए ध्वस्तीकरण अभियान की जानकारी कैसे मिली? यह जरूर किसी ने उन्हें बताया है। किसी स्लीपर सेल या आतंकी तत्व ने यह सूचना दी होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि एक दिन के भीतर पाकिस्तान तक यह संदेश पहुंचना इस बात का संकेत है कि राज्य में आतंकी तत्व मौजूद हैं।
आर. अशोक ने केरल के एक सांसद द्वारा बेंगलुरु स्थित ध्वस्तीकरण स्थल पर दौरा करने की भी निंदा की। उन्होंने सवाल किया, “उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?”
अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार केरल में चुनावों के दबाव में काम कर रही है और कर्नाटक के हितों की बलि दी जा रही है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं, जो बताते हैं कि राज्य में बाढ़ से प्रभावित 13,999 लोगों को अब तक आवास आवंटित नहीं किया गया है।
अशोक ने कहा, “सरकार में इतनी भी क्षमता नहीं है कि वह बाढ़ पीड़ितों को घर दे सके। वे पेड़ों के नीचे और सड़कों पर बिना बिजली के रह रहे हैं, जबकि यहां बिना किसी शर्म के खाना और बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।”
बेंगलुरु विद्युत आपूर्ति कंपनी (बेसकॉम) के अधिकारियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “क्या आपको शर्म नहीं आती? क्या आप में इंसानियत नहीं है? यहां बिजली कनेक्शन कैसे दे दिए गए?”
उन्होंने आरोप लगाया कि ध्वस्तीकरण स्थल पर इंसुलेटेड वायरिंग का उपयोग किया गया है, जबकि उनके अपने घर के पास तक असुरक्षित तार लगे हुए हैं। उन्होंने सवाल किया, “क्या यहां बिजली मीटर लगाए गए हैं? अगर कोई हादसा हुआ तो यह अंतरराष्ट्रीय खबर बन जाएगी।”
अशोक ने आगे आरोप लगाया कि सरकार मामूली उल्लंघनों पर ध्वस्तीकरण की धमकी देती है, जबकि अतिक्रमण हटाने वाले अधिकारियों से अब सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। उन्होंने पूछा, “अगर यही चलन बन गया, तो सरकार राज्य में कहीं भी ध्वस्तीकरण अभियान कैसे चलाएगी?”