क्या केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम 2025 के प्रावधान लागू किए?
सारांश
Key Takeaways
- खेल संघों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
- खिलाड़ियों के कल्याण के लिए ठोस ढांचा स्थापित होगा।
- राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण का गठन होगा।
- अधिनियम के अंतर्गत संस्थानिक तंत्र क्रियाशील होंगे।
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधानों को लागू करने की अधिसूचना जारी की है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य खेल संघों और संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना, नैतिक आचरण को प्रोत्साहित करना, और सुशासन को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, यह खिलाड़ियों के कल्याण और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
जो प्रावधान लागू किए जा रहे हैं, उनमें राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति, राष्ट्रीय खेल संघों और क्षेत्रीय खेल संघों के गठन और शासन ढांचे, राष्ट्रीय खेल बोर्ड के गठन, मान्यता प्राप्त खेल संगठनों के लिए अनुपालन आवश्यकताओं, विशेषाधिकारों और कर्तव्यों, राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण के गठन, और केंद्र सरकार की नियम बनाने की शक्तियों का उल्लेख है।
यह अधिनियम 18 अगस्त 2025 को आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया गया था। अधिनियम की धारा 1(2) में यह स्पष्ट किया गया है कि यह अधिनियम उस तारीख से लागू होगा, जो केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से निर्धारित की जाएगी, और विभिन्न प्रावधानों के लिए अलग-अलग तिथियाँ निर्धारित की जा सकती हैं।
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2026 को लागू करने की तिथि निर्धारित की है, जिस दिन अधिनियम की धारा 1 से 3, धारा 4 की उप-धारा (1), (2) और (4), धारा 5 की उप-धारा (1) और (2), और अन्य कई प्रावधान प्रभावी होंगे।
इस अधिनियम का चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वयन करने का उद्देश्य खेल शासन में सुचारू परिवर्तन सुनिश्चित करना है। यह खेल प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही, नैतिक आचरण एवं सुशासन को बढ़ावा देने, खिलाड़ियों के कल्याण को सुनिश्चित करने और खेल से जुड़े विवादों के प्रभावी एवं समयबद्ध समाधान का प्रयास करता है, जो ओलंपिक चार्टर, पैरालंपिक चार्टर और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप है।
1 जनवरी, 2026 से, अधिनियम के अंतर्गत परिकल्पित संस्थागत तंत्र क्रियाशील हो जाएंगे।