क्या इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में एक बड़ी इंडस्ट्री बन गई है?

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क्या इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में एक बड़ी इंडस्ट्री बन गई है?

सारांश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ने भारत में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है और यह उद्योग अब लाखों लोगों को रोजगार दे रहा है। जानिए इसके पीछे की कहानी और भविष्य की संभावनाएं।

Key Takeaways

  • इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का उत्पादन छह गुना बढ़ा है।
  • यह उद्योग अब 11.5 लाख करोड़ रुपए का है।
  • इस क्षेत्र में 25 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं।
  • भारत अब सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण कर रहा है।
  • जीएसटी सुधारों से कीमतें कम होंगी।

नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी योजनाओं के तहत, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में एक प्रमुख सेक्टर के रूप में उभरा है। पिछले 11 वर्षों में इस सेक्टर का उत्पादन छह गुना बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप यह 11.5 लाख करोड़ रुपए की इंडस्ट्री बन गई है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात आठ गुना बढ़ा है और यह उद्योग अब 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, "पिछले 11 वर्षों में, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में एक बहुत बड़े सेक्टर के रूप में उभरा है। इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ा है, निर्यात आठ गुना बढ़ा है और यह 11.5 लाख करोड़ रुपए का उद्योग बन गया है। इस इंडस्ट्री में आज 25 लाख लोग काम कर रहे हैं।"

उन्होंने बताया कि भारत ने अब इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की जरूरत की हर चीज का निर्माण देश में ही शुरू कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अगर मोबाइल फोन की बात करें, तो फोन का हर सामान - चाहे वह ग्लास हो, कवर हो, चिप हो, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) हो या कैमरा मॉड्यूल, देश में ही बनने लगा है।"

उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में हरियाणा के सोहना में एक फैक्टरी का उद्घाटन किया गया है, जहां स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली बैटरी का निर्माण किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश को 50 करोड़ बैटरियों की जरूरत है और एक ही फैक्टरी में 20 करोड़ बैटरी पैक बनाए जाएंगे।

उन्होंने नागरिकों से भारत में बने उत्पादों को अधिक से अधिक इस्तेमाल करने का आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, "यह आत्मनिर्भर भारत का समय है, जिसमें हर कोई बड़े उत्साह के साथ 'स्वदेशी' को अपना रहा है। आप सभी से भी अनुरोध है कि अपने जीवन में 'स्वदेशी' उत्पादों का उपयोग बढ़ाएं।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों के साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी है। घरेलू जरूरतों जैसे टीवी, रेफ्रिजरेटर, डिशवॉशर, माइक्रोवेव और पावर बैंक जैसे विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कीमतें कम होंगी। खाद्य पदार्थों से लेकर घरेलू सामान और रोजमर्रा की जरूरतों तक, सभी वस्तुओं पर कर का बोझ कम किया गया है। कुल मिलाकर, रोटी, कपड़ा मकान पर टैक्स का भार कम हुआ है।

Point of View

बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह उद्योग भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में कैसे विकसित हुई है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के तहत, पिछले 11 वर्षों में इस उद्योग का उत्पादन छह गुना बढ़ा है।
इस क्षेत्र में कितने लोगों को रोजगार मिला है?
इस उद्योग में वर्तमान में 25 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं।
क्या भारत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण कर सकता है?
जी हां, भारत अब इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की हर चीज का निर्माण कर रहा है।
बैटरी निर्माण के लिए क्या योजनाएं हैं?
हरियाणा के सोहना में एक फैक्टरी का उद्घाटन किया गया है, जहां स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली बैटरी का निर्माण किया जाएगा।
जीएसटी सुधारों का प्रभाव क्या है?
जीएसटी सुधारों से घरेलू जरूरतों वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कीमतें कम होंगी।