क्या ईएलआई स्कीम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए अगला कदम है?

सारांश
Key Takeaways
- ईएलआई योजना युवाओं के लिए रोजगार सृजन करेगी।
- सरकार प्रक्रिया को सरल बनाएगी।
- 99,446 करोड़ का बजट तय किया गया है।
नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के बाद अब एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) योजना सरकार का अगला महत्वपूर्ण कदम है। यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दी।
ईएलआई योजना के अंतर्गत नियोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे विशेष रूप से युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न कर सकेंगे।
मंत्री ने इस योजना को नियोक्ताओं और रोजगार चाहने वालों दोनों के लिए लाभकारी बताया।
उन्होंने राज्यों के श्रम और उद्योग मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी केएलईएमएस डेटा का उल्लेख किया, जिसमें बताया गया कि पिछले दशक में 17 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
यह आंकड़ा देश में आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण प्रतिबिंब है, जो विशेष रूप से निर्माण, विनिर्माण और सेवा जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के कारण है।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस गति को बनाए रखना आवश्यक है और ईएलआई जैसी योजनाओं के माध्यम से इसे और तेज किया जाना चाहिए। ये योजनाएं गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजित करने, औपचारिकता को बढ़ावा देने और समावेशी विकास में सहायता के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
उन्होंने कहा कि श्रम और उद्योग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। देश के कार्यबल और अर्थव्यवस्था के व्यापक हित के लिए दोनों को निकट समन्वय में काम करना चाहिए।
मंत्री ने कार्यक्रम में भाग लेने वालों को आश्वासन दिया कि योजना के तहत प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को सरल रखा गया है ताकि पहुंच आसान हो सके और व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके।
उन्होंने राज्य मंत्रियों से आग्रह किया कि वे मीडिया ब्रीफिंग, टेलीविजन और रेडियो साक्षात्कारों के माध्यम से इस योजना का सक्रिय प्रचार करें। उन्होंने जमीनी स्तर पर जागरूकता निर्माण के महत्व पर भी जोर दिया।
कुल 99,446 करोड़ रुपए के बजट के साथ, ईएलआई योजना का लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करना है।