क्या खुदा से पूछूं, क्या हम और यूसुफ हमेशा के लिए नहीं मिल सकते?
सारांश
Key Takeaways
- दिलीप कुमार हिंदी सिनेमा के अमर अभिनेता रहे हैं।
- सायरा बानो ने दिलीप कुमार के प्रति अपनी भावनाएं साझा की।
- उनकी प्रेम कहानी ने दर्शकों को प्रेरित किया।
- दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान था।
- उनकी जयंती पर प्रशंसकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है।
मुंबई, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कुछ अभिनेता ऐसे होते हैं, जो अपने किरदार में इस इस कदर डूब जाते हैं कि वह किरदार अमर हो जाता है और वर्षों तक याद रखा जाता है। हिंदी सिनेमा के ऐसे ही अभिनेता रहे दिलीप कुमार।
आज उनकी 103वीं जयंती है और इस अवसर पर उनकी पत्नी और प्रतिष्ठित अभिनेत्री सायरा बानो ने अपनी यादों को ताज़ा किया। अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर दिलीप कुमार के लिए एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा।
अभिनेत्री सायरा बानो ने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी और दिलीप साहब की वीडियो साझा की। वे उन्हें युसूफ साहब कहकर बुलाती हैं, क्योंकि उनका असली नाम दिलीप कुमार नहीं बल्कि मुहम्मद यूसुफ खान था।
उन्होंने सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते हुए लिखा, "मेरे प्रिय यूसुफ साहब, हर साल, जब यह दिन आता है, तो मेरे दिल में एक कोमल सी हलचल उठती है, उन सभी पलों के लिए, जब मैंने आपको न केवल दुनिया के लिए एक कलाकार के रूप में, बल्कि एक ऐसे बेहतरीन इंसान के रूप में देखा।"
उन्होंने आगे लिखा, "लोग आपको एक अभिनेता या संस्था के रूप में जानते हैं, लेकिन मैंने आपके उन पहलुओं को भी देखा है, जिन्हें कोई नहीं जानता। जिस तरह आप हर भूमिका के लिए उस समय पूरी खामोशी से तैयारी करते थे, जिस तरह आप हर किरदार में इस कदर घुल-मिल जाते थे कि कभी-कभी मैं भी नहीं जान पाती थी। आपका समर्पण हमेशा आपकी कला और आपके प्रशंसकों के लिए एक पवित्र उपहार रहा है। मुझे आज भी याद है, वो दिन जब आप कितनी आसानी से उन चीजों को दे देते थे, जिन्हें दूसरे लोग जीवन भर संजोकर रखते हैं। अपनी घड़ी, शॉल और कलम, एक बच्चे की तरह मासूमियत से दे देते थे।"
सायरा बानो ने आगे लिखा, "कभी-कभी, हल्की फुसफुसाहट के साथ दिल में मैं खुद को यह कहते हुए पाती हूं, 'खुदा से पूछूं... क्या हम यूसुफ हमेशा के लिए नहीं मिल सकते?'
दिलीप कुमार और सायरा बानो की प्रेम कहानी फिल्मों के सेट से शुरू हुई थी। हालांकि, सायरा बानो का परिवार उनकी शादी से नाराज था, क्योंकि दिलीप कुमार 44 साल के थे और सायरा केवल 22 साल की थीं। दिलीप साहब की बहनें भी शुरुआत में सायरा बानो को परिवार में स्वीकार नहीं कर पाई थीं और जानबूझकर उन्हें परेशान करती थीं।