क्या ईएसआईसी ने अदालती मामलों के निपटारे के लिए नई एमनेस्टी योजना के दिशानिर्देश जारी किए?

Click to start listening
क्या ईएसआईसी ने अदालती मामलों के निपटारे के लिए नई एमनेस्टी योजना के दिशानिर्देश जारी किए?

सारांश

ईएसआईसी ने अदालती मामलों के लिए नई एमनेस्टी योजना 2025 जारी की है, जो नियोक्ताओं को विवादों का निपटारा करने में मदद करेगी। यह योजना 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेगी। जानें इसके कार्यान्वयन के बारे में और इसके लाभों के बारे में।

Key Takeaways

  • ईएसआईसी की नई एमनेस्टी योजना 2025 अदालती मामलों को निपटाने में मदद करेगी।
  • योजना 1 अक्टूबर से 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेगी।
  • यह योजना नियोक्ताओं और बीमित व्यक्तियों दोनों के लिए है।
  • बंद इकाइयों के पांच वर्षों से अधिक पुरानी मामलों को वापस लिया जाएगा।
  • इससे अदालतों पर बोझ कम होगा और विवादों का समाधान पारदर्शी तरीके से होगा।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने अदालती मामलों के निपटारे और अभियोजन मामलों की वापसी के लिए नई एमनेस्टी योजना 2025 के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस उपाय का उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना है, जिससे व्यापार को आसान बनाया जा सके।

एमनेस्टी स्कीम 2025 एक वन-टाइम विवाद समाधान पहल है जिसका उद्देश्य अदालती मामलों के लंबित मामलों को कम करना, ईएसआई अधिनियम के तहत अनुपालन को बढ़ावा देना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है।

यह योजना नियोक्ताओं और बीमित व्यक्तियों को अदालतों के बाहर व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से विवादों का निपटारा करने का अवसर प्रदान करती है। यह योजना 1 अक्टूबर से 30 सितंबर, 2026 तक लागू रहेगी।

यह योजना बंद और चालू दोनों इकाइयों के विवादों पर लागू होती है। पांच वर्षों से अधिक समय से बंद इकाइयों के मामले वापस ले लिए जाएंगे, इसमें वे इकाइयां शामिल हैं, जिनके मुकदमे पांच वर्षों से लंबित हैं और जिनका कोई मूल्यांकन नहीं हुआ है।

वहीं, पांच वर्षों के अंदर बंद इकाइयों को रिकॉर्ड प्रस्तुत करने होंगे, स्वीकृत बकाया राशि ब्याज सहित चुकानी होगी और वे किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होंगी।

चल रही इकाइयां अपने दावों के समर्थन में रिकॉर्ड प्रस्तुत करके भी विवादों का निपटारा कर सकती हैं और उन पर कोई हर्जाना नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, ऐसे मामले जिनमें नियोक्ताओं ने ईएसआईसी पोर्टल पर फॉर्म-01 के माध्यम से स्वेच्छा से पंजीकरण कराया है, उन्हें इससे बाहर रखा गया है।

विवाद समाधान के लिए एक व्यावहारिक, पारदर्शी और नियोक्ता-अनुकूल तंत्र प्रदान करके, यह योजना प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करती है, लंबे समय से लंबित मामलों को तेजी से निपटाने में मदद करती है और हितधारकों के बीच विश्वास पैदा करती है।

बयान में कहा गया है कि इससे नियोक्ताओं के लिए परिचालन संबंधी चुनौतियां कम होंगी, अदालतों पर कानूनी बोझ कम होगा और एक प्रगतिशील एवं उत्तरदायी सामाजिक सुरक्षा संस्थान के रूप में ईएसआईसी की भूमिका और मजबूत होगी।

Point of View

बल्कि बीमित व्यक्तियों के लिए भी एक सकारात्मक कदम है। ईएसआईसी की यह पहल अदालतों पर दबाव को कम करने के साथ ही व्यापारिक वातावरण को भी सुधारने में मदद करेगी। यह एक प्रगतिशील दृष्टिकोण है जो सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में ईएसआईसी की भूमिका को और मजबूत करेगा।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

एमनेस्टी योजना 2025 क्या है?
यह योजना अदालती मामलों का निपटारा करने और अनुपालन को आसान बनाने के लिए बनाई गई है।
यह योजना कब तक लागू होगी?
यह योजना 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेगी।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
नियोक्ता और बीमित व्यक्ति दोनों इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं।
क्या सभी विवाद इस योजना के अंतर्गत आते हैं?
नहीं, कुछ मामलों को इस योजना से बाहर रखा गया है, जैसे कि स्वेच्छा से पंजीकरण कराने वाले मामले।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य अदालती मामलों की संख्या को कम करना और विवादों को पारदर्शी तरीके से निपटाना है।