क्या मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते एफआईआई ने जून में भारतीय शेयर बाजार में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया?

Click to start listening
क्या मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते एफआईआई ने जून में भारतीय शेयर बाजार में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया?

सारांश

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जून में भारतीय शेयर बाजार में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस निवेश के पीछे की प्रमुख वजहें देश की मजबूत अर्थव्यवस्था और वैश्विक बाजारों में सुधार हैं। जानिए एफआईआई की इस खरीदारी का क्या असर पड़ा है और आगामी बाजार रुझान क्या हो सकते हैं।

Key Takeaways

  • एफआईआई ने जून में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया।
  • मजबूत अर्थव्यवस्था और ग्लोबल मार्केट्स में सुधार ने निवेश को बढ़ावा दिया।
  • निफ्टी और सेंसेक्स के स्तर में वृद्धि हुई।
  • बॉन्ड बाजार में एफआईआई की बिक्री जारी है।
  • सकारात्मक तरलता से बाजार की तेजी बनी रह सकती है।

मुंबई, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस महीने (27 जून) तक भारतीय शेयर बाजार में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह जानकारी रविवार को एनालिस्ट्स द्वारा प्रदान की गई है।

इस खरीदारी के पीछे मजबूत अर्थव्यवस्था, ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष के समाप्त होने से ग्लोबल इक्विटी बाजारों में जोखिम कम होना और डॉलर की कमजोरी को कारण माना गया है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार, डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "डॉलर में गिरावट हमेशा उभरते हुए बाजारों के लिए फायदेमंद होती है।"

एफआईआई ने वित्तीय, पूंजीगत सामानों और रियल्टी शेयरों में खरीदारी की, जबकि एफएमसीजी, उपभोक्ता टिकाऊ और आईटी में बिकवाली की।

विश्लेषकों के अनुसार, एफआईआई की खरीदारी ने लार्जकैप शेयरों को मजबूती प्रदान की, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स 2025 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।

इसके अलावा, जून में एफआईआई ने बॉन्ड बाजार में बिक्री जारी रखी और इस ट्रेंड के जारी रहने की संभावना है। इसकी वजह अमेरिका और भारतीय बॉन्ड के बीच यील्ड अंतर का कम होना भी है।

विजयकुमार ने आगे कहा कि पर्याप्त तरलता और निवेशकों की सकारात्मक धारणाओं के कारण बाजार की इस तेजी को बनाए रखने की क्षमता है। हालांकि, उच्च मूल्यांकन प्रॉफिट बुकिंग को आकर्षित कर सकता है।

बीडीओ इंडिया के वित्तीय सेवा कर, कर और विनियामक सेवाओं में पार्टनर और लीडर मनोज पुरोहित के अनुसार, सेबी के नेतृत्व में देश के नियामक संस्थानों ने लगातार बाजार भागीदारी को गहरा करने, पारदर्शिता बढ़ाने और वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने के लिए अनुपालन को सरल बनाने के उद्देश्य से सुधारों को आगे बढ़ाया है।

पिछले सप्ताह बाजार में तेजी मध्य पूर्व में तनाव कम होने और एफआईआई प्रवाह में मजबूत उछाल के कारण आई थी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, "घरेलू मोर्चे पर, मानसून में प्रगति, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और स्थिर वैश्विक आर्थिक संकेतकों ने तेजी के रुझान को समर्थन दिया। एफआईआई प्रवाह में तेजी आई, एक ही दिन में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ, जिससे बाजार की धारणा और मजबूत हुई।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई का निवेश हमारे आर्थिक विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि वैश्विक निवेशक हमारे बाजारों में विश्वास करते हैं। हमें इस प्रवृत्ति को बनाए रखने के लिए सतत नीतियों और पारदर्शिता पर ध्यान देना होगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

एफआईआई ने जून में कितने पैसे का निवेश किया?
एफआईआई ने जून में भारतीय शेयर बाजार में 8,915 करोड़ रुपए का निवेश किया।
इस निवेश की मुख्य वजहें क्या हैं?
मुख्य वजहें मजबूत अर्थव्यवस्था, ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष का समाप्त होना और डॉलर की कमजोरी हैं।
एफआईआई ने किन क्षेत्रों में निवेश किया?
एफआईआई ने वित्तीय, पूंजीगत सामानों और रियल्टी शेयरों में निवेश किया।
क्या इस निवेश का बाजार पर असर पड़ा?
हां, एफआईआई की खरीदारी ने लार्जकैप शेयरों को मजबूती प्रदान की, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स के स्तर बढ़ गए।
बॉन्ड बाजार में एफआईआई का रुख क्या है?
जून में एफआईआई ने बॉन्ड बाजार में बिक्री जारी रखी है और यह ट्रेंड जारी रहने की संभावना है।