क्या बैंकों को पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट पर टेक्नोलॉजी के साथ ध्यान केंद्रित करना चाहिए, स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देनी चाहिए?: वित्त मंत्री

Click to start listening
क्या बैंकों को पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट पर टेक्नोलॉजी के साथ ध्यान केंद्रित करना चाहिए, स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देनी चाहिए?: वित्त मंत्री

सारांश

क्या बैंकों को अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने के लिए पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस सवाल का जवाब जानिए। उन्होंने स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देने की भी बात की है।

Key Takeaways

  • बैंकों को पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  • स्थानीय भाषा का महत्व बढ़ता जा रहा है।
  • टेक्नोलॉजी और पारंपरिक बैंकिंग का मिश्रण आवश्यक है।
  • क्रेडिट रेटिंग में सुधार की आवश्यकता है।
  • स्थानीय भाषा की जानकारी रखने वाले स्टाफ की आवश्यकता है।

मुंबई, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि बैंकों को अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी के साथ पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, ग्राहकों की सुविधा के लिए स्थानीय भाषा को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

देश की आर्थिक राजधानी में 12वीं एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2025 में बैंकर्स को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "आपको (सरकारी बैंकों) को अधिक सक्रिय होना होगा और अधिक लोगों तक पहुंचकर अपने ग्राहक आधार को बढ़ाना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आप जो भी करें वह पारंपरिक बैंकिंग और टेक्नोलॉजी आधारित बैंकिंग का मिश्रण हो।"

उन्होंने आगे विस्तार से बताते हुए कहा, "आज के दौर में आप केवल यह कहकर नहीं बच सकते हैं कि मैं डिजिटल माध्यम से ग्राहकों से संपर्क कर रहा हूं। यह सही है, लेकिन आपको बैंकिंग के पुराने तरीके पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट पर ध्यान केंद्रित करना होगा, क्योंकि बैंकिंग ऑपरेशंस हमेशा से ही ग्राहक केंद्रित और स्टाफ संचालित रहे हैं।

पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट के महत्व पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "भाषा काफी अहम है। इसके जरिए हम ग्राहकों के साथ संपर्क करते हैं। पब्लिक बैंकों की एचआर पॉलिसी के तहत अलग-अलग मातृभाषा बोलने वाले व्यक्ति को विभिन्न इलाकों में पोस्ट किया जाता है, लेकिन इस दौरान स्थानीय भाषा का एक शब्द भी नहीं बोला जाता है।

स्थानीय ग्राहकों के साथ संपर्क के लिए यह छोटा-सा तत्व काफी जरूरी है, जो आपके पास नहीं है। आपको इस तत्व को अपने साथ लाना होगा।"

उन्होंने आगे बैंकों से अपील करते हुए कहा, "कोशिश करें कि जो भी स्टाफ ब्रांच में तैनात हो, उसे वहां की स्थानीय भाषा की जानकारी होनी चाहिए। जरूरी नहीं कि टॉप मैनेजमेंट स्थानीय भाषा बोले, लेकिन ब्रांच स्तर के अधिकारियों के लिए यह आवश्यक है।"

वित्त मंत्री के मुताबिक, किसी ग्राहक, खासकर एमएसएमई, की क्रेडिट रेटिंग आपको खुद बनानी होगी। यह एक बजट घोषणा है कि आपको क्रेडिट रेटिंग के बारे में सलाह देने के लिए कोई आउटसोर्स कंपनी नहीं रखनी चाहिए।

आउटसोर्स क्रेडिट रेटिंग में काफी खामियां हैं। लोग जानते हैं कि मैंने अपना लोन चुका दिया, लेकिन फिर भी एजेंसी ने मेरा क्रेडिट रिकॉर्ड ठीक करने में समय लिया। इसमें सुधार की आवश्यकता है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि बैंकों को अपने ग्राहक संबंधों को मजबूत करने के लिए पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह न केवल ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय भाषा का उपयोग करके, बैंकों को विभिन्न समुदायों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद करेगा।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

बैंकिंग में पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट का महत्व क्या है?
पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट ग्राहकों के साथ सीधे संबंध बनाने में मदद करता है, जिससे ग्राहक अनुभव बेहतर होता है।
स्थानीय भाषा की प्राथमिकता क्यों जरूरी है?
स्थानीय भाषा का उपयोग ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध बनाने और उनकी आवश्यकताओं को समझने में सहायक होता है।