क्या पीएम मोदी ने फारबिसगंज में जनसभा में एनडीए सरकार बनने का भरोसा दिलाया?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का भाषण जनता को प्रेरित कर रहा है।
- जनता का एनडीए सरकार पर विश्वास बना हुआ है।
- विकास और सुरक्षा के मुद्दे मुख्य हैं।
- भाजपा के प्रति लोगों का समर्थन मजबूत है।
- राजनीतिक वादों पर जनता का संदेह बढ़ रहा है।
अररिया, ६ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के फारबिसगंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर जनसभा में उपस्थित भीड़ ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व और उनकी सरकार की नीतियों की प्रशंसा की। लोगों ने एकजुटता से कहा कि प्रदेश में पुनः एनडीए सरकार बनने जा रही है।
रैली स्थल पर मौजूद लोगों ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अपने अनुभव साझा किए और बताया कि वे भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों से संतुष्ट हैं।
स्थानीय निवासी संजय गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छे काम कर रहे हैं, इसलिए हम भाजपा को वोट देंगे।
वहीं, मोहम्मद नजीर ने कहा कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुना। इससे पहले भी वे तीन बार यहां आ चुके हैं। हर बार भाजपा जीतती है और इस बार भी जीत निश्चित है।
सोनू कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में ‘जंगलराज’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पहले की सरकार में अपराधियों का बोलबाला था। उस समय को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है, लेकिन एनडीए सरकार आने के बाद स्थिति में सुधार हुआ है और प्रदेश में विकास हुआ है। जनता का भरोसा अब भी एनडीए पर बना हुआ है।
धर्मानंद झा ने कहा कि पहले बिहार में जंगलराज था, लेकिन एनडीए सरकार आने के बाद अब हम सुरक्षित महसूस करते हैं। राज्य में विकास की गति बढ़ी है। तेजस्वी यादव के चुनावी वादों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। हर घर में नौकरी देना संभव नहीं है। अब जनता मूर्ख नहीं बनती, वह सोच-समझकर वोट देती है।
उन्होंने आगे कहा कि पलायन को कोई सरकार पूरी तरह नहीं रोक सकती, लेकिन एनडीए सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन और बिजली जैसी सुविधाएं दी हैं। इससे बड़ा योगदान और क्या हो सकता है? १४ नवंबर को एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलेगा।
वहीं, अजय कुमार ने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसलिए कुछ भी बोल देते हैं। हमारे राज्य का जीडीपी जितना नहीं है, उतनी नौकरियां देने की बात करते हैं। यह साबित करता है कि उनकी बातें हकीकत से दूर हैं।