क्या जीएसटी सुधार से देश में नकली सामानों के व्यापार में कमी आएगी? : फिक्की कैस्केड

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधार से टैक्स में कमी आएगी।
- नकली सामानों का व्यापार घटेगा।
- फिक्की कैस्केड ने तस्करी के खिलाफ आंदोलन चलाया है।
- जीएसटी 2.0 व्यवसायों के लिए युक्तिसंगत दरें प्रस्तुत करता है।
- ग्रामीण परिवारों के लिए प्रभावी जीएसटी दर में कमी आई है।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी सुधार के चलते देश के सभी सेक्टर्स में बड़े स्तर पर टैक्स में कमी आई है। इससे नकली सामानों के व्यापार में कमी देखने को मिलेगी। यह जानकारी फिक्की कैस्केड के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने गुरुवार को दी।
अनिल राजपूत ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित फिक्की के एक कार्यक्रम में समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "फिक्की कैस्केड की ओर से हर साल मैसकरेड का आयोजन किया जाता है। यह तस्करी और जालसाजी गतिविधियों के खिलाफ एक आंदोलन है।"
उन्होंने आगे कहा कि तस्करी और नकली सामानों का व्यापार अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है और हमें इसमें शामिल सभी लोगों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है, चाहे वे नीति निर्माता हों, उद्योग या उपभोक्ता हों।
जब जीएसटी 2.0 पर सवाल पूछा गया, तो राजपूत ने कहा कि यह एक बड़ा बदलाव लाने वाला सुधार है। अधिकतर नकली सामानों के व्यापार की एक वजह अधिक टैक्स होना भी है। सरकार ने टैक्स को घटाया है, जिससे हमें कई सेक्टर्स में नकली सामानों के व्यापार में कमी आएगी।
इस कार्यक्रम में फिक्की कैस्केड और थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीएआरआई) ने एक संयुक्त अध्ययन भी प्रस्तुत किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी सुधारों के तहत 5 प्रतिशत कर वाली श्रेणियों की संख्या 54 से बढ़कर 149 हो गई है, जिससे ग्रामीण परिवारों के लिए प्रभावी जीएसटी दर 6.03 प्रतिशत से घटकर 4.27 प्रतिशत और शहरी परिवारों के लिए 6.38 प्रतिशत से घटकर 4.38 प्रतिशत हो गई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि व्यवसायों, विशेष रूप से एमएसएमई के लिए जीएसटी 2.0 युक्तिसंगत दरें प्रस्तुत करता है जो उल्टे शुल्क ढांचे के कारण उत्पन्न विकृतियों को दूर करती हैं। ग्रामीण रोजगार और विनिर्माण के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र जैसे ट्रैक्टर, कृषि मशीनरी, उर्वरक, कपड़ा, हस्तशिल्प, ऑटो घटक और निर्माण इनपुट अब कम और अधिक तर्कसंगत टैक्स दरों के अधीन हैं।