क्या जीएसटी सुधारों से जनता को राहत और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा?: प्रिंसिपल कमिश्नर-जीएसटी केपी सिंह

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क्या जीएसटी सुधारों से जनता को राहत और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा?: प्रिंसिपल कमिश्नर-जीएसटी केपी सिंह

सारांश

केंद्र सरकार ने जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने की योजना बनाई है। इस महत्वपूर्ण कदम से आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है। प्रिंसिपल कमिश्नर-जीएसटी के.पी. सिंह ने इस सुधार के महत्व और लाभों के बारे में जानकारी दी है, जो अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।

Key Takeaways

  • जीएसटी स्लैब में कमी से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
  • टैक्स कम होने से वस्तुओं की कीमतें घटेंगी।
  • आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी।
  • उपभोक्ताओं के खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
  • स्वदेशी सामान के खरीद से विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

लखनऊ, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के तहत जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने का ऐलान किया है, जिससे आम जनता, व्यापारियों और उद्योगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। लखनऊ में प्रिंसिपल कमिश्नर-जीएसटी के.पी. सिंह ने सोमवार को जीएसटी सुधार के फायदों पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।

के.पी. सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "जीएसटी स्लैब में कमी से व्यापारियों, निर्माताओं और उद्योगों को सीधा लाभ होगा। सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जो अंततः उपभोक्ता ही चुकाता है। टैक्स कम होने से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें घटेंगी, जिससे लोगों के पास अतिरिक्त पैसा बचेगा। यह पैसा वे अपनी अन्य जरूरतों के लिए खर्च कर सकेंगे। इससे मांग बढ़ेगी, उद्योगों में उछाल आएगा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि होगी। कुल मिलाकर, यह समृद्धि और खुशहाली का कारण बनेगा।"

जीएसटी कलेक्शन पर इस सुधार के प्रभाव के बारे में सिंह ने बताया, "शुरुआती एक-दो महीनों में कर संग्रह में कमी देखने को मिल सकती है, क्योंकि 12 और 18 प्रतिशत जैसे स्लैब अब 5 प्रतिशत या शून्य में आ गए हैं। लेकिन जैसे-जैसे टैक्स अनुपालन बढ़ेगा और उपभोग में वृद्धि होगी, टैक्स संग्रह में तेजी आएगी। लंबे समय में कंजम्पशन बढ़ने से कर संग्रह में उछाल आएगा, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक होगा।"

आगामी त्योहारी सीजन को 'बचत उत्सव' के रूप में देखते हुए उन्होंने कहा कि टैक्स में कमी से उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर सामान मिलेगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया, "पहले 10 रुपए का बिस्किट पैकेट अब 8 रुपए में मिलेगा। बचे 2 रुपए से उपभोक्ता अन्य जरूरतें पूरी कर सकेंगे।"

पीएम मोदी की स्वदेशी सामान खरीदने की अपील पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी। यह राशि बुनियादी ढांचे, रक्षा उपकरणों और तकनीकी आयात जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपयोग हो सकेगी। स्वदेशी खरीद से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। यह सुधार न केवल उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक राहत लाएगा, बल्कि व्यापारियों के लिए भी कर प्रक्रिया को सरल बनाएगा। स्लैब कम होने से अनुपालन आसान होगा और कर चोरी पर अंकुश लगेगा।

Point of View

बल्कि यह व्यापारियों और उद्योगों को भी बड़ी राहत प्रदान करेगा। जीएसटी स्लैब में कमी से कर अनुपालन में भी सुधार होगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह कदम देश की आर्थिक स्थिति को और बेहतर बनाने में सहायक होगा।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी स्लैब को क्यों घटाया गया है?
जीएसटी स्लैब को घटाने का उद्देश्य आम जनता और व्यापारियों को राहत प्रदान करना है।
इससे अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे मांग और उद्योगों में वृद्धि होगी।
क्या यह सुधार दीर्घकालिक है?
हां, इस सुधार का दीर्घकालिक प्रभाव सकारात्मक रहने की उम्मीद है।