क्या जीएसटी 2.0 बूस्टर के चलते 41 प्रतिशत भारतीय ग्राहक अगले 3-4 महीनों में गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधारों के कारण गाड़ियों की कीमतों में कमी हुई है।
- 41 प्रतिशत ग्राहक गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं।
- हाइब्रिड वाहनों की मांग बढ़ रही है।
- एसयूवी का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
- सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी सुधारों के कारण, भारत में गाड़ियों की कीमतों में व्यापक कमी आई है और अगले तीन-चार महीनों में 41 प्रतिशत ग्राहक गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जीएसटी सुधारों के चलते 72 प्रतिशत ग्राहकों ने अपनी खरीदारी को टाल दिया था, जो कि टैक्सेशन के प्रभाव को दर्शाता है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ताओं में हाइब्रिड वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, जिसमें 38 प्रतिशत उपभोक्ता हाइब्रिड कारों का चयन कर रहे हैं, जो पेट्रोल (30 प्रतिशत) और इलेक्ट्रिक वाहनों (21 प्रतिशत) से अधिक है।
स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की प्रवृत्ति भी तेजी से बढ़ रही है और 64 प्रतिशत ग्राहक एसयूवी को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह सेगमेंट वित्त वर्ष 25 में भारतीय पेसेंजर व्हीकल (पीवी) मार्केट में 65 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे ऊपर था।
रिपोर्ट में बताया गया कि 34 प्रतिशत खरीदार कीमत और माइलेज के बजाय सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और ऑटोमोटिव उद्योग प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा, "यह त्योहारी सीजन केवल बिक्री का अवसर नहीं है, बल्कि यह उपभोक्ता व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलावों की ओर भी संकेत करता है। हाइब्रिड के प्रति बढ़ती रुचि, सुरक्षा के प्रति जागरूकता और प्रीमियम सुविधाओं के लिए भुगतान करने की इच्छा एक अधिक जागरूक और आकांक्षी खरीदार का संकेत है।"
मेहरा ने यह भी कहा कि जीएसटी सुधारों से सामर्थ्य में वृद्धि और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खोज में बदलाव के साथ, ओईएम के पास भारत के मोबिलिटी के अगले चरण के लिए अपने मूल्य प्रस्ताव को नए सिरे से परिभाषित करने का अनूठा अवसर है।
रिपोर्ट के अनुसार, 35 प्रतिशत से अधिक खरीदार हाई-एंड वेरिएंट के लिए अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं और 65 प्रतिशत ने कहा है कि 10-15 प्रतिशत अधिक कीमत स्वीकार्य है, जो फीचर-युक्त वाहनों की बढ़ती आकांक्षाओं और मांग को दर्शाता है।
इसके अलावा, 52 प्रतिशत उपभोक्ता खरीदारी से पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों का प्रयोग करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटी कारों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से लागत 1 लाख रुपए तक कम हो सकती है, जिससे विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में मांग में वृद्धि होगी।