क्या मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया?

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क्या मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया?

सारांश

दिल्ली की एक अदालत ने रिलायंस पावर के CFO अशोक कुमार पाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह मामला अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले समूह से जुड़ा है, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जानें इस मामले के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • अशोक कुमार पाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया है।
  • ईडी ने अनिल अंबानी के समूह की जांच की है।
  • रिलायंस समूह के शेयरों में गिरावट आई है।
  • कंपनी के पैसे को डायवर्ट करने का आरोप है।
  • सरकारी एजेंसी ने बड़े पैमाने पर छापे मारे हैं।

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की एक अदालत ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह के वरिष्ठ अधिकारी और रिलायंस पावर लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अशोक कुमार पाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चलाए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

उद्योगपति अंबानी के करीबी सहयोगी पाल को एडीए समूह से जुड़े फर्जी बैंक गारंटी मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। हिरासत में लेने के तुरंत बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

एडीए मामले में यस बैंक और एडीए समूह की कंपनियों पर वित्तीय घोटाले का आरोप है, जिसकी जिम्मेदारी पहले अनिल अंबानी के हाथ में थी।

ईडी ने कहा है कि अनिल अंबानी और उनके रिलायंस समूह की संस्थाएं 17,000 करोड़ रुपए से अधिक के लोन धोखाधड़ी मामले में शामिल थीं।

ईडी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जारी एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत संभावित उल्लंघनों की जांच कर रहा है। सरकारी जांच एजेंसी को संदेह है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा वितरित लगभग 3,000 करोड़ रुपए के लोन का दुरुपयोग किया गया था।

सरकारी एजेंसी का कहना है कि पाल ने कंपनी के पैसे को डायवर्ट करने और भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) को 68 करोड़ रुपए से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी जमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जुलाई में एक बड़े अभियान में, ईडी ने रिलायंस समूह से जुड़े 35 परिसरों की तलाशी ली, जिसमें 50 से अधिक कंपनियों और 25 व्यक्तियों को निशाना बनाया गया, जिनके इस मामले से जुड़े होने का अनुमान है।

अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले एक महीने में भारी गिरावट देखी गई। इस दौरान एनएसई पर रिलायंस पावर का शेयर 6.13 प्रतिशत गिरकर 44.99 रुपए पर पहुँच गया है, जबकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर भी गिरकर 12.06 प्रतिशत घटकर 229 रुपए पर पहुंच गए हैं।

Point of View

बल्कि यह हमारे देश की वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और पारदर्शिता को भी चुनौती देता है। ऐसे मामलों की जांच करना और दोषियों को सजा दिलाना अत्यंत आवश्यक है।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

रिलायंस पावर के CFO अशोक कुमार पाल को क्यों गिरफ्तार किया गया?
उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है जिसमें एडीए समूह से जुड़ी फर्जी बैंक गारंटी का आरोप है।
ईडी इस मामले में क्या कर रही है?
ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत संभावित उल्लंघनों की जांच कर रही है।
क्या अनिल अंबानी का नाम इस मामले में शामिल है?
हाँ, अनिल अंबानी और उनके समूह की संस्थाएं इस मामले में शामिल हैं।
क्या अशोक कुमार पाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया?
हाँ, हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इस मामले का प्रभाव शेयर बाजार पर क्या पड़ा है?
रिलायंस समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले एक महीने में भारी गिरावट आई है।