क्या एआई नियामक उल्लंघनों के कारण 2028 तक तकनीकी कंपनियों के कानूनी विवादों में 30 प्रतिशत की वृद्धि होगी?

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क्या एआई नियामक उल्लंघनों के कारण 2028 तक तकनीकी कंपनियों के कानूनी विवादों में 30 प्रतिशत की वृद्धि होगी?

सारांश

नई दिल्ली की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तकनीकी कंपनियों के कानूनी विवादों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) नियामक उल्लंघनों के कारण 2028 तक 30 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इस वृद्धि के पीछे नियामक अनुपालन की चुनौतियाँ और भू-राजनीतिक माहौल का प्रभाव है।

Key Takeaways

  • एआई नियामक उल्लंघनों के कारण कानूनी विवादों में वृद्धि
  • 70% आईटी लीडर्स द्वारा नियामक अनुपालन की चुनौती
  • गैर-अमेरिकी जेनएआई टूल्स को अपनाने में असमर्थता
  • संप्रभु एआई रणनीति का महत्व
  • भू-राजनीतिक माहौल का प्रभाव

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तकनीकी कंपनियों के कानूनी विवादों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नियामक उल्लंघनों के कारण 2028 तक 30 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। यह जानकारी सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई।

70 प्रतिशत से अधिक आईटी लीडर्स ने संकेत दिया कि नियामक अनुपालन उनके संगठन में व्यापक रूप से जेनएआई प्रोडक्टिविटी असिस्टेंट के कार्यान्वयन के लिए उनकी शीर्ष तीन चुनौतियों में से एक है।

एक बिजनेस और टेक्नोलॉजी इनसाइट कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच, केवल 23 प्रतिशत ही अपने एंटरप्राइज एप्लीकेशन में जेनएआई टूल्स को लागू करते समय सिक्योरिटी और गवर्नेंस घटकों के प्रबंधन की अपनी संगठन की क्षमता को लेकर आश्वस्त हैं।

गार्टनर की वरिष्ठ निदेशक विश्लेषक लिडिया क्लॉघर्टी जोन्स ने कहा, "ग्लोबल एआई नियम व्यापक रूप से भिन्न हैं, जो प्रत्येक देश के एआई लीडरशिप और इनोवेशन के रिस्क मिटिगेशन प्राथमिकताओं के साथ उचित संरेखण के आकलन को दर्शाते हैं।"

भू-राजनीतिक माहौल का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन प्रतिक्रिया देने की क्षमता धीमी है।

लगभग 57 प्रतिशत गैर-अमेरिकी आईटी लीडर्स ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भू-राजनीतिक माहौल ने जेनएआई रणनीति और कार्यान्वयन को मामूली रूप से प्रभावित किया है, जबकि 19 प्रतिशत रेस्पोंडेंट्स ने बताया कि इसका बड़ा प्रभाव रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 60 प्रतिशत रेस्पोंडेंट्स ने कहा कि वे गैर-अमेरिकी जेनएआई टूल विकल्पों को अपनाने में असमर्थ या अनिच्छुक थे।

यह रिपोर्ट जेनरेटिव एआई टूल्स के रोलआउट में शामिल 360 आईटी लीडर्स के इनपुट के आधार पर तैयार की गई थी।

एक अलग पोल में गार्टनर ने पाया कि 489 रेस्पोंडेंट्स में से 40 प्रतिशत ने संकेत दिया कि उनके संगठन की एआई संप्रभुता के प्रति भावना सकारात्मक है और 36 प्रतिशत ने संकेत दिया कि उनके संगठन की भावना तटस्थ है।

एआई संप्रभुता को राष्ट्र-राज्यों की अपने अधिकार क्षेत्र में एआई तकनीकों के विकास, परिनियोजन और प्रशासन को नियंत्रित करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया गया है।

66 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि संप्रभु एआई रणनीति के प्रति सक्रिय थे, जबकि 52 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उनके संगठन संप्रभु एआई के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में रणनीतिक या ऑपरेटिंग मॉडल में बदलाव कर रहे थे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नियामक उल्लंघनों का प्रभाव तकनीकी उद्योग पर पड़ेगा। हमें एक संतुलित और न्यायपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है जो हमारे देश की प्रगति को बाधित न करे।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

एआई नियामक उल्लंघन क्या हैं?
एआई नियामक उल्लंघन उन नियमों और कानूनों का उल्लंघन है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और विकास को नियंत्रित करते हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार कानूनी विवादों में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
नियामक अनुपालन की चुनौतियाँ और भू-राजनीतिक माहौल का प्रभाव इसके प्रमुख कारण हैं।
क्या जेनएआई टूल्स का उपयोग सुरक्षित है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 23 प्रतिशत कंपनियाँ सिक्योरिटी और गवर्नेंस घटकों के प्रबंधन में सक्षम हैं।