क्या गांधीनगर के सिविल अस्पताल में बच्चों के गले से सिक्का निकाला गया?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहें।
- छोटी वस्तुओं को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- अगर बच्चा कोई वस्तु निगलता है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचे।
- डॉक्टर्स की सलाह पर ध्यान दें और घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें।
- बच्चों को सुरक्षित स्थान पर खेलने दें।
गांधीनगर, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के गांधीनगर सिविल अस्पताल के ईएनटी विभाग ने हाल ही में दो छोटे बच्चों की जान को बचाने का कार्य किया है। पिछले दस दिनों में, विभाग ने दो अलग-अलग घटनाओं में बच्चों के गले से सिक्के निकाले, जिन्हें उन्होंने अनजाने में निगल लिया था। वर्तमान में, दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
विभाग के प्रमुख डॉ. योगेश गज्जर ने बताया कि पहले मामले में एक दो वर्षीय बच्चे को गले में तेज दर्द और उल्टी की समस्या के साथ अस्पताल लाया गया था। जांच में पाया गया कि बच्चे की आहार नली में एक सिक्का फंसा हुआ था। यह स्थिति गंभीर थी, क्योंकि सिक्का श्वसन नली के निकट अटका हुआ था, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती थी। डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर बच्चे की आहार नली से सिक्का निकाल लिया।
दूसरा मामला साढ़े चार साल की एक बच्ची का था, जिसने खेल-खेल में सिक्का निगल लिया था। थोड़ी देर बाद बच्ची को गले में दर्द और खाना निगलने में मुश्किल होने लगी। उसके परिजन उसे सिविल अस्पताल ले गए, जहां ईएनटी विशेषज्ञों ने एक्स-रे द्वारा स्थिति की पुष्टि की। डॉक्टरों ने सावधानीपूर्वक बच्चे की आहार नली से सिक्का निकाला।
डॉ. गज्जर ने कहा कि इस तरह के मामले छोटे बच्चों में काफी सामान्य होते हैं, विशेषकर जब उन्हें सिक्के, बटन या खिलौनों के छोटे हिस्से खेलने के लिए दिए जाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि माता-पिता को चाहिए कि वे छोटी वस्तुओं को बच्चों की पहुंच से दूर रखें। तीन से पांच वर्ष की उम्र के बच्चे अक्सर वस्तुओं को मुंह में डालने की आदत रखते हैं, जो कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है।
अस्पताल प्रशासन ने दोनों मामलों में टीम की तत्परता की सराहना की है और अभिभावकों को सलाह दी है कि ऐसे मामलों में घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें। यदि बच्चा कोई वस्तु निगल लेता है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में पहुंचें, क्योंकि थोड़ी सी देरी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।